निमोनिया से पीड़ित था डेढ़ महीने का बच्चा, इलाज के नाम पर 40 बार गर्म लोहे की छड़ से दागा

राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश के शहडोल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां निमोनिया से पीड़ित डेढ़ महीने के बच्चे का इलाज करने के लिए एक दाई (स्थानीय नर्स) ने गर्म लोहे की छड़ से 40 से अधिक बार दागा. जब बच्चे की हालत बिगड़ गई, तो उसे अस्पताल ले जाया गया और ये मामला सामने आया.

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे के गर्दन, पेट और शरीर पर जलने के 40 से अधिक निशान मिले हैं. बच्चे को इलाज के लिए शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है. उधर, अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

मामला शहडोल के हरदी गांव का है. यहां निमोनिया से पीड़ित होने के बाद बच्चे का परिवार दाई से इलाज के लिए संपर्क किया. दाई ने इलाज के नाम पर बच्चे को गर्म लोहे की रॉड से 40 से अधिक बार दागा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आरएस पांडे ने बताया कि बच्चे की दादी ने अपने घर पर दाई से इस तरह का इलाज करवाया.

उन्होंने बताया कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. डॉ आरएस पांडे ने बताया कि जांच के लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है. मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. निशांत प्रभाकर ने बताया कि बच्चे को जन्म के समय भी गर्म लोहे से दागा गया था और फिर निमोनिया से पीड़ित होने पर भी गर्म लोहे की छड़ से दागा गया.

बच्चे का हालत अब ठीक बताई जा रही है. दरअसल, शहडोल के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों की बीमारियों के इलाज के लिए उन्हें लोहे की छड़ों से दागना एक आम बात है. इस साल फरवरी में निमोनिया के इलाज के लिए कथित तौर पर 50 से अधिक बार गर्म लोहे की छड़ से दागे जाने के बाद एक ढाई महीने की बच्ची की मौत हो गई थी.