ऑपरेशन सिंदूर : PM मोदी 33 देशों से लौटे 7 डेलिगेशन से मिले, साथ डिनर किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मंगलवार शाम ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख दुनिया को बताकर देश वापस लौटे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। उनके साथ डिनर किया। डेलिगेशन के सदस्यों ने पीएम से अपनी यात्रा का अनुभव शेयर किया। 7 डेलिगेशन में शामिल 59 सदस्य 33 देशों की यात्रा पर गए थे। जिनमें 51 नेता और 8 राजदूत शामिल हैं। डेलिगेशन का नेतृत्व 7 सांसदों ने किया था। इनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, DMK के कनिमोझी करुणानिधि, NCP (SP) की सुप्रिया सुले, कांग्रेस सांसद शशि थरूर और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल थे। थरूर ने PM से मुलाकात के बाद कहा, ‘PM ने हम सभी के साथ एक घंटे से ज्यादा समय बिताया। वे लॉन में अलग-अलग टेबलों पर गए, सभी डेलिगेशन ग्रुप से बात की। यह बिल्कुल भी औपचारिक बैठक नहीं थी। हममें से कई लोगों ने उन्हें विदेश दौरे पर अपनी रिपोर्ट दी थी। हालांकि उस पर भी कोई चर्चा नहीं हुई। हम सभी ने उनके साथ कई बातें कीं, समय के साथ सब पता चल जाएगा।
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी PM मोदी के साथ ऑल पार्टी डेलिगेशन की बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, ‘मैं देश से बाहर हूं। मुझे मेडिकल इमरजेंसी के कारण दुबई जाना पड़ा। मेरे रिश्तेदार और बचपन के दोस्त की तबीयत खराब है। मैंने अपने डेलिगेशन के लीडर बैजयंत पांडा को इस बारे में बता दिया था।’
ऑल पार्टी डेलिगेशन का आखिरी ग्रुप भी मंगलवार को भारत लौट आया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में यह डेलिगेशन 5 देशों- अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया गया था। शशि थरूर ने दिल्ली एयरपोर्ट पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा- जिन पांच देशों में हम गए थे, वहां हमारा स्वागत अच्छे से हुआ। हमनें उन देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और दूसरे सीनियर लीडर्स से हाई लेवल मीटिंग की। उन लोगों ने समझा कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर क्यों किया। थरूर ने कहा- केंद्र सरकार ने राजनीतिक सीमाओं से परे भारत की एकता का संदेश देने के लिए सभी दलों के सांसदों को विदेश भेजा था। हमने वह किया जो हमें करने के लिए कहा गया था और हम काफी खुश होकर घर लौट रहे हैं।
थरूर ने शाम PM मोदी से मिलने को लेकर कहा, ‘हम बहुत खुश हैं कि प्रधानमंत्री हमसे मिलना चाहते हैं।