उपराष्ट्रपति पद से हटाने की मांग को लेकर विपक्ष लाया अविश्वास प्रस्ताव

राष्ट्रीय

संसद में जारी गतिरोध के बीच अब विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ गोलबंद हो गया है. विपक्षी इंडिया ब्लॉक जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. विपक्षी गठबंधन ने 1 बजकर 37 मिनट पर राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को इस आशय का प्रस्ताव सौंप दिया है. जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 60 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं विपक्षी पार्टियों ने संविधान के आर्टिकल 67-बी के तहत उपराष्ट्रपति को पद से हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में प्रस्ताव पेश कर दिया. यह प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को हटाने की मांग को लेकर लाया गया है जो राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं. इस प्रस्ताव पर सोनिया गांधी और किसी भी दल के फ्लोर लीडर्स ने हस्ताक्षर नहीं किया है कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक और सागरिका घोष ने यह प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा. विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव में आरोप लगाया है कि उनको बोलने नहीं दिया जाता. चेयरमैन पक्षपात कर रहे हैं. विपक्षी पार्टियों ने एक दिन पहले का उदाहरण देते हुए कहा है कि ट्रेजरी बेंच के सदस्यों को बोलने का मौका दिया गया लेकिन जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोल रहे थे, उनको रोका गया.

जयराम रमेश ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर राज्यसभा के सभापति पर पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन की कार्यवाही के संचालन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इंडिया ब्लॉक के घटक दलों के पास सभापति के खिलाफ औपचारिक रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. जयराम रमेश ने राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को कष्टकारी निर्णय बताते हुए आगे कहा है कि संसदीय लोकतंत्र के हित में यह अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा है. यह प्रस्ताव अभी राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा गया है. यह देश के संसदीय इतिहास में पहला मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए विपक्षी दल राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए राज्यसभा में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से बीजू जनता दल (बीजेडी) ने किनारा कर लिया है. बीजेडी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर सस्मित पात्रा ने कहा है कि यह प्रस्ताव इंडिया ब्लॉक की ओर से लाया गया है. बीजेडी इंडिया ब्लॉक का घटक नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि बीजेडी इस प्रस्ताव पर तटस्थ रहेगी. डॉक्टर पात्रा ने ये भी कहा है कि यह ऐसा विषय है जिससे हमारा संबंध नहीं है.