‘PAK के पास है खरबों का खजाना, चाह ले तो नहीं मांगनी पड़ेगी भीख’

अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन की गुहार लगा रहा है लेकिन उसके एक सांसद का कहना है कि अगर देश अपने प्राकृतिक संसाधनों का ठीक ढंग से इस्तेमाल करता है तो उसे IMF की भीख से छुटकारा मिल जाएगा. पाकिस्तानी सांसद ने कहा कि पाकिस्तान IMF के दरवाजे लोन के लिए 23 बार जा चुका है. चीन के प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की तारीफ करते हुए सांसद ने कहा कि पाकिस्तान अपने प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करने लगे तो उसे खरबों रुपये का फायदा होगा और IMF के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी.

पाकिस्तान के प्रांत सिंध में चीन के प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के वर्कर्स को संबोधित करते हुए सांसद मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा, ‘अगर हम अपने प्राकृतिक संसाधन- खनिजों, प्राकृतिक गैस और समुद्री संसाधनों, जिनकी कीमत एक खरब डॉलर है, का सही ढंग से इस्तेमाल करें तो हमें IMF के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और गुणवत्ता पर भी कोई असर नहीं होगा.’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करना शुरू करे. पाकिस्तानी सांसद ने कहा, ‘अकेले थार में 175 अरब टन कोयले का भंडार है, जो ईरान और सऊदी अरब के कुल तेल भंडार से अधिक है. CPEC का धन्यवाद जो अब पाकिस्तान का काला सोना निकाल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है. खैबर पख्तूनख्वा में प्राकृतिक गैस का भारी भंडार है. राष्ट्रीय संप्रभुता और लोगों की गरिमा को कमजोर करने वाली नीतियों के बजाय अब देश की आर्थिक प्राथमिकताओं को बदलने की जरूरत है.’

पाकिस्तान के अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सीनेट रक्षा समिति और पाकिस्तान चीन संस्थान (Pakistan-China Institute, PCI) के चेयरमैन सांसद मुशाहिद हुसैन के नेतृत्व में पाकिस्तानी सांसदों के एक दल ने पाकिस्तान में CPEC के तहत सभी प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण किया.

चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, CPEC के तहत पाकिस्तान में कुल 26 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में 85,000 नौकरियां सृजित हुई हैं. सिंध के थार इलाके में CPEC प्रोजेक्ट ने 12,000 लोगों को नौकरियां दी हैं. साथ ही चीन 28,000 पाकिस्तानी छात्रों को चीन में पढ़ने का मौका दे रहा है.

अपने दौरे में पाकिस्तानी सांसदों ने थार को ‘पाकिस्तान की भविष्य की ऊर्जा का गढ़’ करार देते हुए सिंध में CPEC परियोजनाओं की सराहना की. चीन ने कराची के पोर्ट कासिम में 1,320 मेगावाट के पावर प्लांट की स्थापना की है. पाकिस्तानी सांसदों ने इस प्रोजेक्ट का भी जायजा लिया जहां पावर चाइना के सीईओ गुओ ने उन्हें परियोजना के बारे में जानकारी दी.

पोर्ट कासिम पावर प्लांट, CPEC का शुरुआती प्रोजेक्ट है जिससे पाकिस्तान के 40 लाख घरों में बिजली पहुंचाई जाती है.

सिंध की सरकार चीन के साथ मिलकर सिंध में इलेक्ट्रिक कोल माइनिंग कंपनी चला रही है. सिंध में ही चीन की Shanghai Electric ने 1,320 मेगावाट के पावर प्लांट की स्थापना की है.

पोर्ट कासिम और थार में CPEC प्रोजेक्ट में काम कर रहे श्रमिकों से बात करते हुए सांसद मुशाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के आर्थिक विकास के लिए CPEC पिछले 30 सालों में सबसे परिवर्तनकारी पहल है क्योंकि इसने ऊर्जा सुरक्षा, रोजगार और पाकिस्तान के लोगों की आजीविका के लिए एक आधार प्रदान किया है.

खनिज संसाधनों में धनी पाकिस्तान

चीन की नजर पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर है और इसी कारण वो CPEC के जरिए पाकिस्तान में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है. इसी परियोजना को लेकर चीन के खिलाफ पाकिस्तान के कई इलाकों में विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं.

पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों की बात करें तो, पाकिस्तान में कोयला के बड़े-बड़े रिजर्व हैं. थार, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा आदि इलाकों में कोयले के बड़े भंडार हैं. पाकिस्तान में सोना, तांबा, बॉक्साइट, लोहा आदि खनिज पाए जाए हैं. लेकिन पाकिस्तान का लोहा उच्च किस्म का नहीं होता.

पाकिस्तान प्राकृतिक गैस में भी काफी धनी है. पाकिस्तान के प्राकृतिक गैस की जरूरत SUI गैस भंडार से पूरी होती है. हालांकि, खैबर पख्तूनख्वा में इससे बड़ा प्राकृतिक गैस रिजर्व है.