पाकिस्तान में आर्मी चीफ मुनीर प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति से ज्यादा ताकतवर, संसद के ऊपरी सदन से बिल पास
पाकिस्तान में आसिम मुनीर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी ज्यादा ताकतवर होने जा रहे हैं। उन्हें तीनों सेनाओं का चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाया जा रहा है। यह पद मिलते ही उन्हें परमाणु हथियारों की कमांड मिल जाएगी। शहबाज सरकार इसके लिए संविधान में बदलाव कर रही है। इससे जुड़ा बिल आज संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पास किया गया। इसके पक्ष में 64 वोट पड़े, जबकि विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। वहीं निचले सदन यानी नेशनल असेंबली में इस पर कल वोटिंग होगी। इसे 27वां संविधान संशोधन कहा जा रहा है। इसके जरिए सरकार सुप्रीम कोर्ट और अदालत की भी ताकत घटाने जा रही है।
इस विधेयक को पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा और विवादास्पद प्रस्ताव माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह देश की न्याय व्यवस्था और सैन्य ढांचे दोनों को बदलकर रख देगा। 27वां संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। यानी सीनेट में 64 वोट और नेशनल असेंबली में 224 वोट।
96 सदस्यीय सीनेट में सत्ताधारी गठबंधन के पास कुल 65 वोट थे, जो आवश्यक बहुमत से एक वोट ज्यादा था। वहीं, 326 एक्टिव मेंबर वाली नेशनल असेंबली में सरकार के पास कुल 233 सांसदों का समर्थन है। इन आंकड़ों के आधार पर सरकार के पास दोनों सदनों में संशोधन पारित कराने के लिए पर्याप्त बहुमत मौजूद है। पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के दस्तखत के लिए भेजा जाएगा।
27वें संविधान संशोधन का एक बहुत खास हिस्सा है नेशनल स्ट्रैटजिक कमांड (NSC) का गठन। यह कमांड पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम की निगरानी और नियंत्रण करेगी। अब तक यह जिम्मेदारी नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) के पास थी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते थे, लेकिन अब से NSC के पास इसकी जिम्मेदारी हो जाएगी। NSC का कमांडर भले ही प्रधानमंत्री की मंजूरी से नियुक्त होगा, लेकिन यह नियुक्ति सेना प्रमुख (CDF) की सिफारिश पर ही होगी। सबसे जरूरी यह पद सिर्फ आर्मी के अफसर को ही दिया जाएगा। इससे देश के परमाणु हथियारों का नियंत्रण अब पूरी तरह सेना के हाथ में चला जाएगा।
अनुच्छेद 243, जो पहले ‘राष्ट्रपति को सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर’ घोषित करता था, अब व्यवहार में सेना प्रमुख को सर्वोच्च बना देगा। पाकिस्तान में कानूनी रूप से तीनों सेनाएं राष्ट्रपति के कमांड में होती हैं और राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर आर्मी चीफ, नौसेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख की नियुक्ति करता है। नए प्रावधान के तहत चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) नाम से एक नया पद बनाया जा रहा है। इसके साथ ही मौजूदा चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद 27 नवंबर 2025 को समाप्त कर दिया जाएगा। उसी दिन मौजूदा CJCSC जनरल साहिर शमशाद मिर्जा रिटायर हो रहे हैं।
CDF बनने के बाद सेना प्रमुख (COAS) को संपूर्ण सैन्य सेवाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना पर संवैधानिक अधिकार मिल जाएगा। इससे सेना प्रमुख का पद पहली बार संविधान में स्थायी रूप से सर्वोच्च सैन्य शक्ति के रूप में दर्ज हो जाएगा।
