Parliament special session live: महिला आरक्षण बिल पर JDU सांसद बोले- ये 2024 का सबसे बड़ा जुमला, DMK ने कहा- यह चुनावी वादा

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Special Parliament Session Live: आज नई संसद में कार्यवाही का दूसरा दिन है. लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही है. सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में बिल के प्रावधानों के बारे में सदन में जानकारी दी. इसके बाद कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है. हालांकि, उन्होंने जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का प्रावधान इस बिल में किया जाए. हालांकि, इस पर जवाब देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पूछा कि कांग्रेस ने निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण क्यों नहीं दिया था?

मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया था. इस पर चर्चा के लिए सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक 7 घंटे का समय तय किया गया है. कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी लोकसभा में बोल रही हैं. वहीं, बीजेपी की ओर से बोलने वालों में स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और दीया कुमारी के नाम शामिल हैं. बिल पर हंगामा होने के भी आसार हैं. महिला आरक्षण बिल पर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने बिल को मोदी का एक और स्टंट करार दिया, तो AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए कोटा न होना इसकी बड़ी खामी है.

आपको भय सता रहा है- जदयू

जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, आपने महिला आरक्षण का बिल यदि लाया है तो इसमें भी पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए. ये नारी शक्ति वंदन की बात कर रहे हैं, आप अपना वंदन कर रहे हैं, अपनी सत्ता का वंदन कर रहे हैं, कुर्सी का वंदन कर रहे हैं. आपने 2014 चुनाव में 15-15 लाख देने की बात कही और गृह मंत्री ने कहा कि ये तो जुमला है, चुनाव में ये सब चलता रहता है. 2024 के बाद आप कहिएगा कि अरे ये तो जुमला है. देश की जनता आपको जान गई है, आपके झांसे में नहीं आने वाली है. आपको भय सता रहा है, आपका ये भय 26 पार्टियों के एकजुट होने से है. इसलिए आप ये चुनावी जुमला लेकर आए हैं.

जदयू बोली- ये 2024 का सबसे बडा़ जुमला

जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन सिंह) ने कहा, हम इसका समर्थन करते हैं, क्योंकि हम महिला सशक्तिकरण का समर्थन करते हैं. सरकार की मंशा महिलाओं को आरक्षण देने का नहीं है, यह इनका जुमला है. यह 2024 का सबसे बड़ा जुमला है. ये ऐलान इन्हें 26 पार्टियों के गठबंधन से डरकर करना पड़ा. अगर इनकी मंशा होती हो, ये 2021 में जातिगत जनगणना कराते. ये समय की मांग है कि जातिगत जनगणना कराई जाए. अगर जातिगत जनगणना कराई होती, तो आज महिला आरक्षण बिल पास हो जाता. इस देश की जनता आपको जान गई, आपके किसी जुमले पर उसे भरोसा नहीं है, विश्वास नहीं है. बिहार से सीखो, बिहार पहला राज्य है, जो 2005 में सरकार बनी, 2006 में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी, महिलाओं को 35% आरक्षण दिया. पीएम मोदी कल आंकड़ों की बात कर रहे थे, लेकिन आंकड़ा तो आपके पास 2019 से है. तब क्यों नहीं किया. लेकिन जब पटना, मुंबई और बेंगलुरु में बैठक हुई, तो घबराकर ये लोग इसे लाए. इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से कोई लेना देना नहीं है. इस सरकार को सिर्फ कुर्सी से मतलब है.

डीएमके ने बीजेपी पर राजनीति करने का लगाया आरोप

डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, मुझे महिला आरक्षण विधेयक के बारे में बोलते हुए खुशी हो रही है. हमने सोचा था कि यह विधेयक हम सभी के एक-दूसरे का समर्थन करने और एक साथ खड़े होने से पारित हो जाएगा. लेकिन दुर्भाग्य से, भाजपा ने इसे भी राजनीति के अवसर के रूप में लिया है. महिला आरक्षण विधेयक भाजपा का चुनावी वादा है. फिर भी, कई नेताओं को इस विधेयक को लाने और इसे पारित करने का आग्रह करना पड़ा.

टीएमसी ने किया समर्थन

टीएमसी सांसद काकोली घोष ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं. पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र राज्य है, जहां महिला सीएम है. जबकि बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है, इसके बावजूद एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है. लोकसभा में टीएमसी की 40% महिला सांसद हैं. ममता बनर्जी राज्य में महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासनिक सेवाओं के प्रति लगातार जागरूक कर रही हैं.