पटियाला पेग WhatsApp ग्रुप और सेना की सीक्रेट जानकारी लीक… हनी ट्रैप में फंसे मेजर की बर्खास्तगी की Inside Story

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भारतीय सेना के एक अधिकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनी ट्रैप जाल में फंस गए. इस मामले में हाई लेवल जांच के बाद उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में दोषी पाया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त किए गए अधिकारी स्ट्रैटजिक फोर्स कमांड (SFC) में मेजर के पद पर तैनात थे.

रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सेना ने मार्च 2022 में मेजर की गतिविधियों की जांच शुरू की थी, जब अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी रखने और उसे साझा करने समेत कई संदिग्ध गतिविधियों में मेजर की संलिपत्ता का पता चला था.

सूत्रों ने बताया कि तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति ने सेना अधिनियम, 1950 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए करीब एक सप्ताह पहले मेजर की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे. इसको लेकर सितंबर के बीच में आदेश जारी किया गया था और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया. हालांकि मेजर की बर्खास्तगी पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.

मेजर के खिलाफ हुई थी उच्च स्तरीय जांच

दरअसल मेजर के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आने के बाद ‘बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स’ का पैनल बनाया गया था. जब उनपर आरोप लगे, वह उत्तर भारत SFC इकाई में तैनात थे. इस मामले में जांच के बाद पता चला कि मेजर का सोशल मीडिया पर एक ऐसे ऑपरेटिव के साथ लिंक था, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करता था.

कई अधिकारियों पर चल रही है जांच

सूत्रों ने कहा कि मेजर के खिलाफ जासूसी में संभावित संलिप्तता समेत जानकारी रखने और उसे अनधिकृत लोगों के साथ शेयर करने का आरोप है. इसके अलावा पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल के संभावित उल्लंघन को लेकर एक ब्रिगेडियर-रैंक अधिकारी समेत करीब 18 रक्षा कर्मियों की अलग से जांच की जा रही है.

पटियाला पेग WhatsApp ग्रुप में शामिल थे अधिकारी

ये अधिकारी ‘पटियाला पेग’ नाम के WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनाए गए थे, जिसमें मेजर भी शामिल थे. ऐसा पता चला है कि सेना की सोशल मीडिया नीतियों के कथित उल्लंघन के लिए ब्रिगेडियर समेत कुछ अधिकारियों के खिलाफ अगले कुछ हफ्तों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.