सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 1,301 यात्रियों की मौत हुई। सऊदी ने रविवार को ये जानकारी दी है। मरने वाले हज यात्रियों में सबसे ज्यादा मिस्र के 660 लोग थे। इसके बाद इंडोनेशिया के 199 और भारत के 98 हैं। वहीं जॉर्डन से 75, ट्यूनीशिया से 49 पाकिस्तान से 35 और ईरान से 11 हज यात्रियों की मौत की खबर है। सऊदी अरब ने मरने वालों का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि इनमें ज्यादातर वो लोग थे जो अवैध तरीके से मक्का-मदीना पहुंचे थे। सऊदी ने मौत की वजह भीषण गर्मी को बताया है। सऊदी की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि मरने वाले ज्यादातर या तो बुजुर्ग थे, या किसी बीमारी से जूझ रहे थे। इस बार हज के लिए 18 लाख यात्री सऊदी पहुंचे।
मिस्र के मारे गए 658 हज यात्रियों में से 630 बिना वीजा के हज के लिए गए थे। इस समस्या से निपटने के लिए मिस्र ने क्राइसिस सेंटर का गठन किया है। हज यात्रा के दौरान मारे गए यात्रियों के शव सड़कों पर पड़े हुए थे। इन्हीं के बीच से बाकी यात्री हज करने जा रहे थे। इस साल बड़ी संख्या में हज यात्रियों के मरने के पीछे की बड़ी वजह भीषण गर्मी का होना है हज पर जाने के लिए हज यात्री टूर ऑपरेटर का भी सहारा लेते हैं। इसके लिए ऑपरेटर पैकेज लेकर उचित सुविधा जैसे रहने, खाने और ट्रांसपोर्ट जैसी तमाम जरूरी चीजें मुहैया कराने का वादा करते हैं। मिस्र के सांसद महमूद कासिम ने टूर ऑपरेटरों पर हज यात्रियों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कई हज यात्रियों को टूर ऑपरेटरों ने उचित सुविधाएं नहीं दीं, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इससे उनकी मौत हो गई। मिस्र ने हज यात्रियों से धोखाधड़ी करने वाली टूर ऑपरेटर कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। PM मुस्तफा ने 16 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। इसके अलावा इन कंपनियों पर मुकदमा चलाने और जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया है जुर्माने से जब्त राशि को हज यात्रा के दौरान हादसे का शिकार हुए लोगों में बांटने को कहा गया है।