PM मोदी बोले-साइप्रस को यूरोप के प्रवेश-द्वार के रूप में देखा…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर रविवार को साइप्रस पहुंचे। वहां के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मोदी साइप्रस के लिमासोल गए। होटल के बाहर भारतीय समुदाय से मुलाकात की। बच्चों को दुलार किया। साथ ही भारत माता की जय के नारे लगाए। दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मोदी और साइप्रस राष्ट्रपति के बीच एक बैठक हुई। मोदी ने कहा- साइप्रस में कई भारतीय कंपनियां हैं। इसे यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा है। ये हमारा भरोसेमंद पार्टनर है। भारत-साइप्रस CEO फोरम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इस साल के आखिर तक भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ मोदी रविवार को 3 देशों की 4 दिन की यात्रा पर रवाना हुए। 16 जून को साइप्रस दौरे का दूसरा दिन होगा। 16 जून को कनाडा निकल जाएंगे, 17 जून को वहां G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद मोदी 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे। 19 जून को भारत लौट आएंगे।

पीएम मोदी ने कहा, ‘ऐसा 6 दशक बाद हुआ है कि लगातार तीसरी बार एक ही सरकार चुनी गई है। पिछले 10 सालों में डिजिटल क्रांति आई है। आज दुनिया के 50 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए होते हैं। फ्रांस जैसे कई देश इससे जुड़े हैं। साइप्रस को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है और मैं इसका स्वागत करता हूं। हम भारत में भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास में सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं। इस साल के बजट में हमने मैन्युफैक्चरिंग मिशन शुरू किया है। हमारा ध्यान समुद्री और बंदरगाह विकास पर है। हम जहाज निर्माण को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके लिए नई नीति भी लाई जा रही है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इनोवेशन भारत की आर्थिक ताकत का एक मज़बूत स्तंभ बन गया है। हमारे 1 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप सिर्फ सपने नहीं, समाधान बेचते हैं।’

भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले एक दशक में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और बहुत निकट भविष्य में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आज भारत की नीति स्पष्ट है।

साइप्रस लंबे समय से हमारा भरोसेमंद साझेदार रहा है और यहां से भारत में काफी निवेश हुआ है। कई भारतीय कंपनियां भी साइप्रस आई हैं और एक तरह से साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा है। आज आपसी व्यापार 150 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, लेकिन हमारे संबंधों की वास्तविक क्षमता इससे कहीं अधिक है।’

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