‘चाहता तो मैं भी अपने लिए शीशमहल बनवा सकता था’, दिल्ली की रैली में बोले पीएम मोदी

राष्ट्रीय

दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 3 जनवरी से बीजेपी के इलेक्शन कैंपेन की शुरुआत कर दी है. इस दौरान उन्होंने साल 2025 को नए संभावाओं वाला साल बताया. पीएम मोदी ने कहा, “साल 2025 भारत के विकास के लिए अनेक नई संभावनाएं लेकर आ रहा है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर हमारी यात्रा इस वर्ष और तेज होने वाली है. आज भारत, दुनिया में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक बना है, 2025 में भारत की ये भूमिका और सशक्त होगी.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “मैं भी कोई शीशमहल बना सकता था लेकिन मेरे लिए देशवासियों को घर मिले, यह मेरा सपना है. आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का घर बनेगा, पक्का घर मिलेगा. देश भलीभांति जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया, लेकिन बीते 10 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक लोगों का सपना पूरा किया है. मैं आप सभी की खुशियों में आपके उत्सव का हिस्सा बनने ही आज यहां आया हूं.

नरेंद्र मोदी ने रैली में आई जनता को संबोधित करते हुए कहा, “विकसित भारत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका हमारे शहरों की है, जहां दूर-दूर से लोग सपने लेकर आते हैं और बड़ी ईमानदारी से उन सपनों को पूरा करने में जिंदगी खपा देते हैं. इसलिए केंद्र की बीजेपी सरकार शहरों में रहने वाले हर परिवार को क्वालिटी ऑफ लाइफ देने में जुटी है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में CBSE की बड़ी भूमिका है, इसका दायरा बढ़ रहा है. उच्च शिक्षा के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा भी लगातार मजबूत हो रही है. मुझे भी डीयू का विद्यार्थी रहने का सौभाग्य मिला. हमारा प्रयास है कि दिल्ली के युवाओं को यहीं पर उच्च शिक्षा के ज्यादा से ज्यादा मौके मिलें.” नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज जिन नए परिसरों का शिलान्यास किया गया है इससे हर वर्ष सैकड़ों नए साथियों को डीयू में पढ़ाई का मौका मिलेगा. पूर्व और पश्चिमी कैंपस का इंतजार लंबे वक्त से हो रहा था, जो खत्म होने जा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “एक तरफ दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था के लिए केंद्र के प्रयास हैं, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार का कोरा झूठ भी है. दिल्ली में जो लोग राज्य सरकार में पिछले दस साल से हैं, उन्होंने यहां की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बहुत नुकसान पहुंचाया है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत जो पैसे भारत सरकार ने दिए, ये लोग आधे पैसे भी पढ़ाई के लिए नहीं खर्च पाए.”

ये देश की राजधानी है, दिल्लीवासियों का हक है, उन्होंने सुशासन का सपना देखा है लेकिन बीते दस साल से दिल्ली एक बड़ी आपदा से घिरी है. अन्ना हजारे जी को सामने को कुछ कट्टर बेइमान लोगों ने दिल्ली को आपदा में धकेल दिया. शराब के ठेकों में घोलाटा, बच्चों के स्कूल में घोटाला, गरीबों के इलाज में घोटाला, प्रदूषण के लड़ने के नाम पर घोटाला, भर्तियों में घोटाला, ये लोग दिल्ली के विकास की बात करते थे. AAP, आपदा बनकर दिल्ली पर टूट पड़ी है.