प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की है. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर भी अपनी संवेदना व्यक्त की.
पीएम मोदी ने इस दौरान स्पष्ट किया कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय मदद जारी रखेगा. क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की. इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.
गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 3,785 हो गया है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल द्वारा युद्ध की घोषणा के बाद से गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,785 तक पहुंच गई है, जिनमें 1,524 बच्चे, 1,000 महिलाएं और 120 बुजुर्ग लोग शामिल हैं. इसके अलावा 12,493 अन्य घायल हुए हैं, जिनमें 3,983 बच्चे और 3,300 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को आज 12 दिन हो चुके हैं
#BREAKING : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलीस्तीन के राष्ट्रपति से की बात, आम नागरिकों की मौत पर दुख जताया @akhileshsharma1 pic.twitter.com/PVkOWNB0Xb
— NDTV India (@ndtvindia) October 19, 2023
जो बाइडेन ही नहीं बल्कि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक भी इजरायल के दौरे पर पहुंचे थे. गुरुवार को तेल अवीव पहुंचे सुनक ने कहा कि इस मुश्किल समय में ब्रिटेन इजरायल के साथ खड़ा है. हालांकि, ईरान, जॉर्डन, लेबनान समेत कई मुस्लिम देश इजरायल के विरोध में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन, इसकी फिक्र किए बिना इजरायल लगातार गाजा पर एयरस्ट्राइक कर रहा है.
हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन हमास ने पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया था. प्लान को हमास की 5 यूनिट्स ने अंजाम दिया. सबसे पहले 7 अक्टूबर की सुबह 6.30 बजे मिसाइल यूनिट के जरिए 3 हजार रॉकेट दागे गए. इतने बड़े हवाई हमले से इजरायल के लोग सकते में आ गए. फिर एयरबॉर्न यूनिट के जरिए पैराग्लाइडर से आतंकी इजरायल में घुसे. फिर कमांडो यूनिट ने जमीन पर बाड़ काटी और गाजा पट्टी से आतंकी इजरायल में दाखिल हुए. इस दौरान हमास की ड्रोन यूनिट हमला करने और सूचना जुटाने में जुटी रही. इजरायल का अनुमान है हमास के करीब 1000 लड़ाकों ने घुसपैठ की.