सुरंग में समा गया तालाब का पानी, एक दिन में सूखा तालाब, लोग मान रहे प्राकृतिक चमत्कार…

छत्तीसगढ़ : बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में पिछले दिनों हुई लगातार बारिश के बाद नदी, तालाब लबालब भर गए थेइस दौरान बरद्वार गांव का एक तालाब भी पचरी तक भरा हुआ था लेकिन अचानक एक ही दिन में तालाब का पानी सूखकर सुरंग में समा गया। इस घटना को चमत्कार मानकर लोग दहशत में है। वहीं, भू-वैज्ञानिक इसे सामान्य घटना बता रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश के समय में इस तरह से सिंकहोल बनता है, जिसमें पानी नीचे ग्राउंड लेबल पर चला जाता है। पूरा मामला बरद्वार गांव का है। पिछले सप्ताह लगातार बरसात हुई।

कोटा क्षेत्र में नदी-नालों में बाढ़ की स्थिति बन गई। वहीं, तालाब और डबरी भी लबालब भर गए। ग्राम पंचायत बरद्वार में भी गांव का वर्षों पुराना तालाब में लबालब पानी भर गया। लेकिन, बीते बुधवार को एक रहस्यमयी प्राकृतिक घटना के बाद तालाब का पानी एक सुरंग में समा गया। जिसके बाद तालाब का पानी धरातल में चला गया। रातों रात तालाब को सूखा देखकर लोग हैरान रह गए। लोग इसे प्राकृतिक चमत्कार मानकर हैरान हैं। वहीं, उनके मन में डर और दहशत भी है। गांव में रहने वाले रामधनी यादव ने बताया कि सुबह तालाब पूरी तरह भरा था। दोपहर में देखा कि एक तरफ गड्ढा बन गया और देखते ही देखते सारा पानी उसमें समा गया। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसी घटना पहली बार देखी है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि ऐसी घटना कभी नहीं हुई। इस घटना की जानकारी ग्राम पंचायत और तहसील प्रशासन को दी है। सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने तत्काल भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम भेजने की मांग की है। हालांकि, जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन का अमला गांव नहीं पहुंचा है। इस रहस्यमयी घटना के बाद गांव के लोग दहशत में है। लोग अपने बच्चों को तालाब तरफ जाने से मना कर दिया है। उन्हें डर है कि जमीन न ध

भू-वैज्ञानिक इसे सामान्य घटना मान रहे हैं। उनका कहना है कि सिंकहोल जमीन पर एक गड्ढा होता है, जिसकी बाहरी सतह से कोई प्राकृतिक जल निकासी नहीं होती। जब बारिश होती है, तो सारा पानी सिंकहोल के अंदर जमीन के नीचे चला जाता है। ज्यादातर इस तरह की घटना चट्‌टानी क्षेत्रों में होती है। जिसे भूमि का अपक्षय कहा जाता है। पानी चट्टानों में मौजूद खाली जगहों से मिट्टी और अवशेषों को बहा ले जाता है, जिससे पानी नीचे जमीन में बह जाता है।

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