9 वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के तत्वावधान में प्रेमचंद जयंती समारोह आयोजित

सकरी (बिलासपुर) 31जुलाई
नवीन शासकीय महाविद्यालय सकरी (बिलासपुर) में राजभाषा हिंदी मंच भारत के निर्देश पर आज 9 वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के तत्वावधान में मुंशी प्रेमचंद की 145वीं जयंती के अवसर पर प्रेमचंद के प्रदेय और प्रासंगिकता पर सारगर्भित चर्चा हुई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छतीसगढ़ी एवं हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.देवधर महंत ने कहा कि “विश्व की श्रेष्ठ कहानियों में मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘कफ़न ‘ को परिगणित किया जाता है । उन्होंने बताया कि हिन्दी साहित्य के अग्रणी आलोचक डा.नामवर सिंह ने एक बार कहा था कि तुलसी के बाद प्रेमचंद हिंदी के सबसे बड़े लेखक हैं।संयोग से आज तुलसी और प्रेमचंद दोनों की जयंती है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रूबी मिल्होत्रा ने प्रेमचंद को कालजयी रचनाकार कहा,उन्होंने बताया कि प्रेमचंद ने हाशिए के लोगों पर लिखा । कार्यक्रम के संयोजक डॉ फूलदास महंत ने बताया कि 9 वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड के तत्वावधान में राजभाषा हिंदी मंच और महामहिम राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट किया गया है कि स्कूल – कॉलेजों में आधुनिक हिंदी साहित्य को आगे बढ़ाने वाले रचनाकार भारतेंदु हरिश्चंद्र और मुंशी प्रेमचंद के साहित्य को विद्यार्थियों के समक्ष रखने से उन्हें हिन्दी के आदर्शोन्मुख यथार्थवादी लेखकों को भली-भांति जानने – समझने का सुअवसर मिलेगा। डॉ अजयसिंह ने ‘ठाकुर का कुंआ ‘कहानी की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम संचालन एवं आभार प्रो. चित्ररेखा श्रीवास ने किया। इस अवसर पर डॉ श्वेता जायसवाल, श्रीमती मनीषा उइके,डॉ सरिता पटेल,सुश्री बरखा हलवाई,सौमित्र शर्मा, संजय कुमार कुर्रे, राजकुमारी तिग्गा, आकाश पटेल, डॉ अंजू महिलांग, संजू दुबे, प्रदीप साहू, प्रदीप खूंटे एवं महाविद्यालय तथा स्कूल की छात्र -छात्राएं उपस्थित हुईं । इस तारतम्य में हिंदी से छत्तीसगढ़ी शब्द ..मशरूम के लिए पुटू, मुर्गी के बच्चे के लिए चिंया,भिंडी के लिए रमकेलिया,उल्लू के लिए घुघुवा,खरगोश के लिए लमहा, पपीता के लिए रम पपई , नाभि को बोडरी टखना को घुठुवा , ओला गिरा के लिए करा गिरिस, पेड़ से बंदर कूदा के लिए बेंदरा ह रुख ले कूदिस … आदि हिंदी के छत्तीसगढ़ी रूपों से अवगत होने की प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों के साथ प्रोफेसरों की सहर्ष सहभागिता उल्लेखनीय रही ।
रिपोर्टिंग:बसंत राघव