वैगनर समूह के प्रमुख प्रिगोजिन के बेलारूस जाने के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि विदेशों में चल रहे वैगनर के ऑपरेशन पर कोई असर नहीं होगा। दरअसल, रूस को वैगनर के सैन्य ऑपरेशन से ज्यादा उसके अफ्रीका में फैले करोड़ों के साम्राज्य की चिंता है। दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन पूरी तरह से वैगनर के शिकंजे में है। वैगनर समूह को यहां की सबसे बड़ी सोने की खदान से हर साल 2,378 करोड़ रुपए की कमाई होती है। वैगनर समूह और प्रिगोजिन ने कई शेल कंपनियों के जरिए सुरक्षा और खनन सहित सभी लाइसेंस हथिया लिए हैं।
गोल्ड माइन: वैगनर ने मशीनों से दो साल में कई गुना बढ़ाया खनन
राजधानी बांगुई से 400 किमी दूर स्थित डेस्सिमा गोल्ड माइन में 2 साल पहले तक हाथ से खुदाई होती थी। सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि वैगनर यहां हैवी मशीनरी से काम कर रहा है। वह यहां से सालाना 4.2 टन सोना निकाल रहा है, जिसका बाजार मूल्य 2,378 करोड़ रुपए है।
इमेज बिल्डिंग: सौंदर्य प्रतियोगिता, फिल्में भी स्पॉन्सर कर रहा वैगनर
वैगनर ने कई सामाजिक पहल चलाता है। बांगुई के रूसी भवन में रूसी भाषा का कोर्स चलाया जाता है। वैगनर समूह यहां रेडियो स्टेशन और सौन्दर्य प्रतियोगिताएं स्पॉन्सर करता है। यहां के चर्च को रूस आर्थिक मदद देता है। 2021 में ‘टूरिस्ट’ फिल्म देखने बांगुई स्टेडियम में हजारों लोग उमड़े थे। वैगनर से ही संबंधित कंपनी द्वारा निर्मित इस फिल्म में वैगनर का ही महिमामंडन किया गया था।