मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसे संसद में पेश किया. वित्त मंत्री के रूप में उनका ये लगातार सातवां बजट है. इस बार के बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लिए कई ऐलान किए गए हैं. बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले 10 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. यह बजट नए मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण के लिए है. युवाओं को इस बजट से असीमित अवसर मिलेंगे. इस बजट से शिक्षा और कौशल को नया आयाम मिलेगा. यह बजट नए मध्यम वर्ग को ताकत देगा. बजट महिलाओं, छोटे कारोबारियों और एमएसएमई को मदद करेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि ये बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है. ये देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है. पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. यह Neo Middle Class के सशक्तिकरण की निरंतरता का बजट है. ये नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है. नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस बजट से शिक्षा और स्किल को नई स्केल मिलेगी. ये मीडिल क्लास को नई ताकत देने वाला बजट है. ये जनजातीय समाज, दलितों और पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है. इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.”
पीएम मोदी ने दावा किया कि इस बजट से छोटे व्यापारियों, MSMES को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा. बजट में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत फोकस है, इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी. हमें हर शहर, हर गांव, हर घर एंटरप्रेन्योर बनाना है. इसी उद्देश्य से बिना गारंटी के मुद्रा लोन की लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. इससे छोटे कारोबारियों, विशेष रूप से महिलाओं, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों में स्वरोजगार को बल मिलेगा. प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “आज का बजट नए अवसर, नई ऊर्जा लेकर आया है. ये ढेर सारे नए रोजगार, स्वरोजगार के अवसर लेकर आया है. ये बेहतर ग्रोथ और ब्राइट फ्यूचर लेकर आया है.” उन्होंने दावा किया कि आज का बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की प्रक्रिया में उत्प्रेरक का काम करेगा, विकसित भारत की एक ठोस नींव रखेगा.
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं वित्त मंत्री को 6,21,940.85 करोड़ रुपये के सबसे ज्यादा आवंटन (रक्षा मंत्रालय को) देने के लिए धन्यवाद देता हूं, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 फीसदी है. 1,72,000 करोड़ रुपये का कैपिटल आउटले सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा. घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये का प्रावधान आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा.”