प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को पालघर में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाले वाधवन पोर्ट प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी. वाधवन पोर्ट डेवलप होने के बाद ये देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा, जबकि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट्स में से एक होगा. दावा किया गया है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर करीब 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) मिलकर इसे डेवलप कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘गुलामी की बेड़ियों के हर निशान को पीछे छोड़ते हुए नया भारत समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर में मील के नए पत्थर लगा रहा है. अब ये भारत, नया भारत है. नया भारत इतिहास से सबक लेता है और अपने सामर्थ्य को पहचानता है. अपने गौरव को पहचानता है.’ आगे उन्होंने कहा, ‘एक समय था जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था. भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था. भारत का सामुद्रिक सामर्थ्य. हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर कौन जानेगा.’
PM मोदी ने सिंधुदुर्ग में शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर विपक्ष पर जोरदार प्रहार तो किया ही] साथ ही शिवाजी महाराज को अपना आराध्य बताते हुए माफी भी मांगी. उन्होंने कहा, ‘पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, मेरे लिए मेरे पूरा साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी सिर्फ नाम नहीं है, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं, मैं आज सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.’ छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, ‘शिवाजी ने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी. उन्होंने नई नीतियां बनाई, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए.’
वाधवन पोर्ट प्रोजेक्ट कई मायनों में अहम है. JNPA और MMB ने वाधवन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) की नई यूनिट बनाई है, जिसमें JNPA की हिस्सेदारी 74% और MMB की 26% है. इस पोर्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत डेवलप किया जा रहा है. इस बंदरगाह की क्षमता 15 मिलियन TEU होगी.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विश्वस्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जो देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वाधवन बंदरगाह भारत में गहरे पानी में स्थित सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक होगा. ये अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन के लिए सीधा संपर्क प्रदान करेगा, समय की बचत करेगा और लागत में भी कमी लाएगा. यह बंदरगाह अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी से लैस होगा और इसकी प्रबंधन प्रणाली भी आधुनिक होगी. करीब 12 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का दावा किया गया है. स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा और क्षेत्र के ओवरऑल आर्थिक विकास में मदद मिलने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया, जिनका उद्देश्य क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्टिविटी को बढ़ावा देना है. बताया जा रहा है कि इन प्रोजेक्ट्स से मत्स्य पालन क्षेत्र में रोजगार के 5 लाख से अधिक अवसर पैदा होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से, मछली पकड़ने वाले जहाजों के लिए संचार, सहायता प्रणाली की भी शुरुआत की. इस परियोजना के तहत, 13 तटीय राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में मछली पकड़ने वाली मशीनीकृत और मोटर चालित नौकाओं पर चरणबद्ध तरीके से एक लाख ट्रांसपॉन्डर स्थापित किए जाएंगे.
PM मोदी ने वाधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी – सैकड़ों मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले वाधवन बंदरगाह को लेकर कहा था कि यह देश की समुद्री शक्ति को बढ़ाएगा, जिससे महाराष्ट्र रोजगार के लिए एक ‘पावरहाउस और जेनरेटर’ बन जाएगा।… https://t.co/RqOeBrS8dF pic.twitter.com/d6Aay7TOSh
— RT Hindi (@RT_hindi_) August 30, 2024