इस्लाम का प्रचार और हिंदू छात्रों को कम नंबर देने के आरोप, यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बोले….

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उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय ने कुछ छात्रों की शिकायत के बाद एक प्रोफेसर के खिलाफ जांच पैनल का गठन किया है. आरोप है कि प्रोफेसर इस्लाम का प्रचार कर रहा है और हिंदू छात्रों को परेशान कर रहा है. उधर, प्रोफेसर ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने विक्रम विश्वविद्यालय के अतिथि प्रोफेसर अनीस शेख पर इस्लाम के प्रचार से संबंधित कंटेंट को वॉट्सएप पर शेयर करने और हिंदू समुदाय के छात्रों को परेशान करने का आरोप लगाया है. एबीवीपी के सदस्यों ने विश्वविद्यालय परिसर में इस संबंध में विरोध प्रदर्शन भी किया. विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे ने बताया कि छात्रों की शिकायत मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. कमेटी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के अतिथि प्रोफेसर अनीस शेख को जांच अवधि के दौरान विभाग में नहीं आने के लिए कहा गया है. संपर्क करने पर शेख ने न्यूज एजेंसी को बताया कि वॉट्सएप ग्रुप और उस पर शेयर की गई चैट से उनका कोई लेना-देना नहीं है

शेख ने अपने दावे में कहा, यह विभाग का वॉट्सएप ग्रुप है और एचओडी (विभागाध्यक्ष) इसके एडमिन हैं. चैट से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. यह एक साल पुरानी चैट थी जो रमजान की शुभकामनाओं से संबंधित थी और इसे एक छात्र ने पोस्ट किया था. उसी पोस्ट के बाद छात्रों के बीच विवाद हो गया था, जिसके बाद एचओडी ने उन्हें इस तरह की पोस्ट न करने का निर्देश दिए थे. शेख ने यह भी दावा किया कि जो छात्र लेक्चर में शामिल नहीं हुए थे, वे उन पर 80-85 प्रतिशत अंक देने का दबाव बना रहे थे और हाल ही में जो विवाद हुआ मांगें न मानने के बाद हुआ. उन्होंने कहा कि उन पर दबाव बनाया जा रहा है और छवि खराब की जा रही है. प्रोफेसर ने कहा मैं जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष रखूंगा. मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं. क्लास में 60 छात्रों में से केवल तीन-चार छात्र अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. एबीवीपी के उज्जैन महानगर सचिव ने बताया कि प्रोफेसर अनीस शेख के खिलाफ काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं. चौधरी ने आरोप लगाया कि शेख एक खास समुदाय के छात्रों को ज्यादा अंक दे रहे थे, जबकि हिंदू समुदाय के छात्रों को कम अंक देकर परेशान कर रहे थे.