बिलासपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने खूंटाघाट जलाशय के बीच बने टॉपू में ग्लास हाउस बनाने के लिए शुक्रवार को भूमि पूजन किया। इससे प्रवासी पक्षियों को खतरा बताते हुए अरपा अर्पण महाभियान समिति सहित AAP पार्टी के पदाधिकारियों ने टॉपू के बजाए कहीं दूसरी जगह निर्माण कार्य कराने की मांग की है।
पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने बताया कि खूंटाघाट जलाशय में आईलैण्ड में राष्ट्रीय स्तर के ग्लास हाउस रेस्टोरेंट एवं पब्लिक सुविधाओं के विकास कार्य के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की ओर से 2 करोड़ 95 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है, जो पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक होगा। इस रेस्टोरेंट में 100 लोगों की एक साथ बैठने की क्षमता होगी। इस निर्माण कार्य के पूर्ण होने से खूंटाघाट में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि होगी।
हम विनाशकारी नीति का विरोध करते है,बिलासपुर के खूंटाघाट के टापू को बर्बाद नही होने देंगे।
प्रदर्शन कर ज्ञापन को तहसीलदार व पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष अटल जी के माध्यम से अपनी बात गृह मंत्री @tamradhwajsahu0 जी को पहुचाई गयी,हमारे विरोध के कारण गृहमंत्री का कार्यक्रम में आना निरस्त pic.twitter.com/sJd5AeqONO— Advocate Priyanka Shukla (priya shukla) (@priyankaaap23) March 10, 2023
प्रवासी पक्षियों का उजड़ जाएगा आशियाना
अरपा अर्पण महाभियान समिति के संयोजक श्याम मोहन दुबे ने कहा कि खारंग जलाशय के खूंटाघाट के टॉपू में विकास कार्य होने से हजारों पक्षियों का आशियाना उजड़ जाएगा। इस टॉपू में प्रवासी पक्षियों का डेरा रहता है। पर्यावरण की दृष्टि से दूर-दूर से पक्षियां यहां पहुंचती हैं। टॉपू में निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही पर्यटन मंडल के अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है।
AAP ने किया विरोध-प्रदर्शन
खूंटाघाट बांध के टॉपू में निर्माण कार्य कराने का आम आदमी पार्टी ने भी विरोध शुरू कर दिया है। शुक्रवार को भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान वहां पहुंच कर पार्टी के पदाधिकारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया और पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपकर टॉपू को संरक्षित रखने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस टापू में पर्यटन विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर ग्लास हाउस, रेस्टोरेंट बनाने जा रहा है वहां पर हर वर्ष हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं और अपना वंशवृद्धि करते हैं। ऐसे में टापू पर इस प्रकार की योजना का प्रयोग करने से उन जलीय पक्षियों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाएगा।
पर्यटन मंडल के अध्यक्ष बोले- पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान
इधर, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव का कहना है कि टापू में बनाए जा रहे ग्लास हाउस और रेस्टोरेंट से पर्यावरण और पक्षियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी और न ही कोई नुकसान होगा। इसे ध्यान में रखते हुए यहां पर कार्य कराए जाएंगे।