पंजाब के सांसद Simranjit Singh Mann का Twitter अकाउंट हुआ सस्पेंड, प्रोफ़ाइल में लिख रखा था खालिस्तानी समर्थक

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संगरूर से सांसद और खालिस्तानी समर्थक सिमरनजीत सिंह मान का ट्विटर अकाउंट भारत में सस्पेंड कर दिया गया है. सिमरनजीत सिंह ने पंजाब पुलिस द्वारा वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह के एनकाउंटर की आशंका जताई थी.

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के चीफ मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, उन्हें डर है कि कहीं अमृतपाल का एनकाउंटर न कर दिया जाए. मान ने कहा था कि अगर उसे (अमृतपाल) को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो हम समझेंगे कि उसका एनकाउंटर कर दिया गया. अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया भर में सिखों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा और मैं एक जिम्मेदार सांसद के रूप में सरकार को सुझाव देता हूं कि ऐसा कुछ भी न करें जिससे उनका (अमृतपाल का) खात्मा हो जाए.

अमृतपाल ने कानून के खिलाफ कुछ नहीं किया- सिमरनजीत सिंह

सिमरनजीत सिंह मान ने कहा था कि अमृतपाल सिंह ने कानून के खिलाफ कुछ भी नहीं किया और उसने केवल यह कहते हुए अपने समर्थक की रिहाई की मांग की कि उन्हें एक मामले में झूठा फंसाया गया है और उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और वे रिहा

कौन हैं सिमरनजीत सिंह मान, पहले भी रहा विवादों से नाता?

सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तानी समर्थक नेता हैं. वे 2022 से संगरू लोकसभा सीट पर उपचुनाव जीतकर निचले सदन पहुंचे. वे राजनीतिक दल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं. मान तीसरी बार के सांसद हैं. वे तरन तारन से 1989 और 1991 के बीच सांसद रहे. इसके बाद वे दो बार संगरूर में 1999-2004 के बीच और 2022 से अब तक सांसद हैं.

सिमरनजीत सिंह मान पहले भी विवादों में रहे हैं. कुछ दिनों पहले मान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ कह दिया था. मान ने इसके पीछे वजह भी बताई थी. दरअसल, करनाल में मान से पूछा गया था कि उन्होंने अतीत में भगत सिंह को ‘आतंकवादी’ क्यों कहा था, जबकि वह तो देश के लिए शहीद हुए थे.वे खुले तौर पर भिंडरावाले की भी तारीफ कर चुके हैं.

ब्रिटेन और कनाडा में सिख नेताओं ने दी प्रतिक्रिया

उधर, ब्रिटेन और कनाडा में भी सिख नेताओं ने अमृतपाल पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया दी. यूके के लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने रविवार को ट्वीट कर कहा, भारतसे बहुत ही चिंताजनक खबरें आ रही हैं. प्रार्थना करता हूं कि तनावपूर्ण स्थिति जल्द ही सुलझ जाए और सभी के मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए. कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने इस पर चिंता जताते हुए पीएम जस्टिन ट्रूडो से अपने समकक्षों के सामने इस मुद्दे को उठाने की अपील की.

अमृतपाल पर पुलिस का एक्शन जारी

पंजाब पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन वारिस पंजाब दे पर बड़ा एक्शन लिया था. पुलिस ने अब तक उसके 112 समर्थकों को गिरफ्तार किया है. चार समर्थकों को सुरक्षा कारणों की वजह से एयरफोर्स के विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया है. अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने भी सरेंडर कर दिया है.

इसके अलावा जालंधर में महतपुर के सलीना गांव से अमृतपाल की PB 10 FW6797 नंबर वाली एक लावारिस ईसूजूकार बरामद की गई. बताया जा रहा है कि भगौड़ा अमृतपाल सिंह इसी गाड़ी से भागा था. इस गाड़ी से एक 315 बोर राइफल समेत 57 जिंदा कारतूस, एक तलवार और एक वॉकी-टॉकी सेट बरामद किया गया है. यह गाड़ी अनोखरवाल के मनप्रीत सिंह की है. उसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

अपनी फोर्स बना रहा था अमृतपाल

अमृतपाल आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से अपना फोर्स बना रहा था. पुलिस ने अमृतपाल के घर से AKF मार्क वाली जैकेट्स बरामद की हैं. उसके जल्लूपुर खेड़ा गांव स्थित घर के गेट और दीवार पर भी AKF लिखवाया गया था. उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर भी AKF लिखा मिला है. यानी इस बात के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से प्राइवेट आर्मी बना रहा था.आखिर अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे के अलावा AKF नाम का संगठन क्यों खड़ा करना चाहता था? पुलिस इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए उसके साथियों से भी पूछताछ कर रही है.

अमृतपाल पर एक्शन क्यों?

पिछले महीने ही अमृतपाल और उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था. उसके समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने अमृतपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.

इस मामले के बाद पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े लोगों पर चार आपराधिक दर्ज है. इसमें लोगों में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के मामले हैं. इसी क्रम में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए संगठन के लोगों के खिलाफ केस 24 फरवरी को केस दर्ज किया गया था. इसमें अमृतपाल सिंह भी आरोपी है.