रायपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के आरोप में पांच छात्रों को एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की अनुशंसा पर डीन डॉ विवेक चौधरी ने यह कार्रवाई की है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल कॉलेज में भी रैगिंग की शिकायत सामने आई है। एम्स प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में रविवार को रैगिंग का मामला सामने आया था। सीनियर छात्रों पर लड़कियों के फोटो मांगने, चांटा मारने व कपड़ों को लेकर कमेंट करने का आरोप है। इस मामले में सबसे पहले दो छात्रों को 10 दिनों के लिए निलंबित किया गया था। पीड़ित छात्रों ने दोबारा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। एनएमसी के निर्देश पर सोमवार को दोबारा कमेटी की बैठक हुई। इसमें तीन और छात्रों को रैगिंग में संलिप्त पाया गया। कमेटी ने रैगिंग में संलिप्त पांचों छात्रों के स्वजन को भी सोमवार को मेडिकल कालेज बुलाया था। स्वजन को बेटों की संलिप्तता की पूरी जानकारी देकर आज बुधवार तक शपथ पत्र जमा करने के निर्देश दिए थे। मेडिकल कालेज के डाक्टरों का कहना है कि रैगिंग में एफआइआर कराने का भी प्रविधान है, लेकिन इससे करियर बर्बाद हो जाएगा।
एम्स में देर रात तक जूनियरों से करवा रहे काम एम्स प्रबंधन को सोमवार की देर रात रैगिंग की सूचना मिली थी। मंगलवार की सुबह एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को जांच रिपोर्ट यूजीसी को भेजी जाएगी