संसद के मानसून सत्र का सोमवार (29 जुलाई) को छठा दिन है। राहुल गांधी दोपहर 2 बजे लोकसभा पहुंचे। उन्होंने करीब 40 मिनट तक भाषण दिया। राहुल ने भाषण की शुरुआत चक्रव्यूह की कहानी के साथ की। इस पर ओम बिरला ने उन्हें टोका। इस पर हंगामा भी हुआ। हंगामे के बाद राहुल ने बजट पर अपनी बात रखी। राहुल ने अग्निवीर, पेपर लीक, किसान और मिडिल क्लास पर बात की। राहुल ने कहा- मोदी सरकार ने मिडिल क्लास की पीठ पर छुरा घोंपा है। वहीं किसानों के लिए तीन काले कानून लाए थे। राहुल ने भाषण के दौरान अंबानी-अडाणी का नाम लिया तो स्पीकर ने उन्हें टोका कि, जो सदन में नहीं उसका नाम नहीं ले सकते। तब राहुल ने कहा- क्या इन्हें A1 और A2 कह सकता हूं।
राहुल ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो सदन में दिखाते हुए कहा- ये बजट का हलवा इस फोटो में बंट रहा है। इसमें कोई पिछड़ा दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलवा बंट रहा है इसमें केवल वही लोग नहीं हैं। 20 अफसर ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है? देश में तकरीबन 73 प्रतिशत दलित आदिवासी और पिछडे़ लोग हैं। ये देश की असली ताकत हैं। सच ये हैं कि इन्हें कहीं जगह नहीं मिलती है। इनको सरकारों में जगह नहीं मिलती है। ओम बिरला- मैंने पहले भी आपसे अपेक्षा की थी, आप नेता प्रतिपक्ष हैं। आप सदन की मर्यादा को बनाए रखें। देश में तकरीबन 73 प्रतिशत दलित आदिवासी और पिछडे़ लोग हैं। ये देश की असली ताकत हैं। सच ये हैं कि इन्हें कहीं जगह नहीं मिलती है। इनको सरकारों में जगह नहीं मिलती है। ओम बिरला- मैंने पहले भी आपसे अपेक्षा की थी, आप नेता प्रतिपक्ष हैं। आप सदन की मर्यादा को बनाए रखें। चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, पद्मव्यूह वाले सोचते हैं देश के युवा पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं। हिंसा नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह देश का नेचर नहीं है। हर धर्म चक्रव्यूह के खिलाफ फॉर्मेशन होता है। हिंदू धर्म में इसका फॉर्मेशन क्या है- शिव की बारात। इसमें कोई भी आ सकता है। गुरुनानक जी, तो सेवा से किसी को नहीं रोका जा सकता है। लंगर से कोई बाहर नहीं किया जा सकता है। इस्लाम में चर्च में से कोई बाहर नहीं किया जा सकता। चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, पद्मव्यूह वाले सोचते हैं देश के युवा पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं। हिंसा नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह देश का नेचर नहीं है। हर धर्म चक्रव्यूह के खिलाफ फॉर्मेशन होता है। हिंदू धर्म में इसका फॉर्मेशन क्या है- शिव की बारात। इसमें कोई भी आ सकता है। गुरुनानक जी, तो सेवा से किसी को नहीं रोका जा सकता है। लंगर से कोई बाहर नहीं किया जा सकता है। इस्लाम में चर्च में से कोई बाहर नहीं किया जा सकता। मेरा कहना है कि ये जो चक्रव्यूह है उससे करोड़ों लोगों को नुकसान हो रहा है। हम उसे तोड़ने जा रहे हैं। जातीय जनगणना से। इस सदन में हम आपको पास करके दिखाएंगे। जातीय जनगणना से ये चक्रव्यूह टूट जाएगा। हम पूरा दम लगाकर ये काम करेंगे।