देवघर मंदिर के गर्भगृह में राहुल गांधी के प्रवेश के दौरान कुछ लोगों ने हंगामा किया। शिकायत पर गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने, हंगामा करने, कानून-व्यवस्था तोड़ने के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला तीन मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार साह, कमलेश साह और यशराज ने दर्ज कराया है। इन लोगों को मंदिर में देवघर के उपायुक्त विशाल सागर के आदेश पर तैनात किया गया था। ज़िला प्रशासन की ओर से मंदिर थाना में दर्ज कराई गई एफआईआर में पंडा समाज की धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा उर्फ मंटू झा समेत 20-25 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
मजिस्ट्रेट यश राज (सम्प्रति उद्यान अधिकारी) ने बताया कि राहुल गांधी को बाबा मंदिर में पूजा कराने के लिए पांच पुजारी को जिला प्रशासन ने जिम्मेदारी सौंपी थी। श्रीनाथ पंडित उर्फ पिंकू महाराज, लंबोदर परिहस्त,संजय झा, गुलाब श्रृंगारी, सुनील तनपुरिया को राहुल गांधी के साथ जाने की इजाजत थी। इन पांचों पुजारी की सुरक्षा जांच भी कर ली गई थी। लेकिन इनके अलावे निकास द्वार से कुछ लोग जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। और जिन्दावाद-मुर्दावाद के नारे लगाने लगे। वे बताते हैं कि हालात इतने बदतर हो गए कि एसपी अजित पीटर डुंगडुंग को कानून-व्यवस्था संभालने के लिए खुद उतरना पड़ा और बल प्रयोग करना पड़ा। लोग पीछे हटने को तैयार नहीं थे।
मजिस्ट्रेट यश राज बताते हैं कि कोई भी माननीय देवघर मंदिर में अपनी आस्था का इजहार करने आते हैं। यह राजनीति का अखाड़ा नहीं है। धर्म और राजनीति अलग चीज है। मगर उस रोज यानी 3 फरवरी को राहुल गांधी के मंदिर आने से एक वर्ग ने बड़ा बबाल खड़ा करने की कोशिश की। जो ज़िला प्रशासन को भी नागवार लगा। हालांकि गर्भगृह में लाख कोशिश के बाद भी हंगामा करने वालों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। मगर उनलोगों ने बदतमीजी की। और घुसने की चेष्टा की। जब वे प्रवेश नहीं कर पाए तो राहुल गांधी के पूजा करके मंदिर से बाहर निकले तो एक जमात के लोग हुड़दंग करने लगे।