लाल किले पर देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी के सीटिंग अरेंजमेंट विवादों में घिर गया है। उन्हें ओलिंपिक खिलाड़ियों के बाद, पीछे से दूसरी लाइन में सीट दी गई। 2014 के बाद से यह पहला मौका था, जब राहुल बतौर नेता विपक्ष के रूप में समारोह में पहुंचे थे। वीडियो वायरल होने के बाद कहा जाने लगा कि 233 सांसदों के प्रतिनिधि का अपमान किया गया। विवाद बढ़ने पर सरकार की तरफ से सफाई आई है कि राहुल को पीछे की सीट इसलिए दी गई, क्योंकि आगे की सीटे ओलिंपिक खिलाड़ियों के लिए रिजर्व थीं। राहुल गांधी को पिछली पंक्ति में बैठाने पर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि लीडर ऑफ अपोजिशन को पांचवीं पंक्ति में बैठाना पीएम की संकीर्णता और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि रक्षा मंत्रालय इतना खराब व्यवहार क्यों कर रहा है। राहुल को चौथी कतार में बैठाया गया है। नेता प्रतिपक्ष का पद किसी भी केंद्रीय मंत्री से बड़ा होता है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद आते हैं। राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय को राष्ट्रीय समारोह का राजनीतिकरण करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं। आपसे इसकी उम्मीद नहीं थी।
