राहुल गांधी ने DTC बस में किया सफर, कर्मचारियों ने गिनाईं समस्याएं, बोले….

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राहुल गांधी ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) की बस में सफर का वीडियो शेयर किया है. राहुल ने बस कंडक्टर, ड्राइवर और अन्य स्टाफ से बातचीत भी की. उन्होंने बस स्टाफ से उनकी सैलरी पूछी और समस्याओं के बारे में जाना. राहुल ने सोमवार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा और बस स्टाफ की परेशानियां गिनाईं हैं. राहुल का कहना था कि ड्राइवर्स और कंडक्टर्स अनिश्चितताओं के अंधेरों में जीने पर विवश हैं. यात्रियों की सुरक्षा में निरंतर तैनात होमगार्ड्स 6 महीनों से वेतनहीन हैं राहुल गांधी के साथ बातचीत में DTC स्टाफ का कहना था कि हमें एक दिन के करीब 816 रुपए मिलते हैं. इसमें पीएफ समेत अन्य कटौतियां भी होती हैं. महीने में हमें कोई रेस्ट नहीं मिलता है. त्योहारों की भी छुट्टी नहीं मिलती. अगर हम कोई छुट्टी लेते हैं तो पैसे काटे जाते हैं. एक ड्राइवर का कहना था कि किमी के हिसाब से हमारी सैलरी तय होती है. 8 घंटे तक काम करना होता है. एक-दो घंटे ज्यादा भी हो जाते हैं राहुल ने पूछा कि हम आपकी कैसे मदद कर सकते हैं? इस पर DTC स्टाफ ने बताया कि हमें 5 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है. घर का कहां से किराया दें और कैसे परिवार का पेट पालें? बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बसें भी प्रॉपर नहीं चल रही हैं. राज्य सरकार, केंद्र के पाले में गेंद डालती है और केंद्र, राज्य का मसला बताकर पल्ला झाड़ लेता है. फंड रिलीज नहीं होने के बहाने बना दिए जाते हैं. अब दो महीने और इंतजार के लिए कह दिया गया है. हमें यह भी कहा जाता है कि जिस नेता के पास जाना हो, चले जाइए. कुछ नहीं हो सकता है. अक्टूबर से पहले सैलरी नहीं मिलने की बात कही जा रही है. हमारे साथ ऐसा सलूक किया है और अब नई भर्ती करने जा रहे हैं, उनके साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा. कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले एक बस कंडक्टर ने कहा, हमारा हर साल कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू होता है. अगर ड्यूटी कम होती हैं तो कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया जाता है. घर बैठने के लिए कह दिया जाता है. हमें परमानेंट किया जाना चाहिए. समान वेतन और समान काम होना चाहिए. यही हमारी मांग है.

एक होमगार्ड ने कहा, हमारा सवाल यही है कि नागरिकता पक्की है तो नौकरी पक्की क्यों नहीं है? सबसे ज्यादा निजीकरण किया जा रहा है. इससे हमारे बच्चों का क्या भविष्य रहेगा. पिछले 6 महीने से सैलरी का इंतजार है. यही वजह है कि होमगार्ड्स के 24 जवान सदमे में अपनी जान गंवा बैठे. किसी की हार्टअटैक से मौत हुई है. हर छह महीने में ट्रेनिंग दी जाती है. जबकि हम लोग पहले से ट्रेंड हैं. ट्रेनिंग के बाद होमगार्ड में भर्ती हुए थे. अभी 10285 की भर्ती निकाली गई है और हमें जनवरी 2025 तक समय दिया गया है. हम 50 से ज्यादा उम्र के हो चुके हैं. इस उम्र में कहां जाएं? कौन हमें नौकरी देगा. एक महिला ड्राइवर ने कहा, समान काम और समान वेतन दिया जाए.