रायगढ़ : मरीन ड्राइव बनाने 15 घर तोड़े, महिलाओं-पुलिस में झड़प, बोली- रात में नोटिस देकर कहा- घर खाली करो

छत्तीसगढ़ : रायगढ़ में केलो नदी के किनारे कायाघाट क्षेत्र में मरीन ड्राइव निर्माण के लिए तोड़फोड़ शुरू हो चुकी है। जहां पहले राउंड में 20 घरों को तोड़ा जा रहा है। इसके बाद 100 घरों को तोड़ा जाएगा। ऐसे में क्षेत्र में तनाव की स्थिति निर्मित है। मरीन मरीन ड्राइव निर्माण के लिए मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया गया है। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में हुए इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और महिलाओं के बीच झड़प की भी स्थिति निर्मित हुई। शार्ट नोटिस में मकान खाली करने और फिर उसे तोड़ने से नाराज लोगों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। रायगढ़ जिला में पिछले कुछ दिनों से मरीन ड्राइव निर्माण की जद में आने वाले मकान के रहवासी काफी टेंशन में है। यहां केलो नदी के किनारे कायाघाट क्षेत्र में मरीन ड्राइव निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने आज से तोड़फोड़ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए 120 मकानों को तोड़ा जाना है। पहले चरण में 20 घरों को तोड़ा जा रहा है। इसके बाद 100 घरों को तोड़ा जाएगा। साालों से उक्त स्थान पर मकान बनाकर रह रहे लोगों का आरोप है कि रात 9 बजें उन्हे नोटिस दिया गया और सुबह 8 बजें तक मकान खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया गया। इतने कम समय में कोई भी व्यक्ति कैसे सामानों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर पायेगा। बस इसी बात को लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति निर्मित है। सुबह के वक्त जब तोड़ू दस्ता पोकलेन मशीन लेकर मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचा। इस दौरान महिलाओं ने पुलिस का रास्ता रोक लिया।
जहां महिलाओं के साथ पुलिस की झड़प हो गयी। प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज महिलाओं ने आरोप लगाया कि सुबह से सभी लोग भूखे-प्यासे हैं। इस कार्रवाई से नाराज प्रभावित लोगों और स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव कर नारेबाजी भी की। इस दौरान मौके पर पहुंचे एसपी और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाईश देकर शांत कराने का प्रयास किया। नाराज लोगों से अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रभावितों को घर के बदले घर और जमीन के बदले जमीन दी जाएगी। इस आश्वासन के बाद जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुए और वापस लौटे। नगर निगम ने कायाघाट के 295 लोगों को नोटिस दिया गया है। निगम से नोटिस जारी होने के बाद शुक्रवार की रात ही सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने इसके विरोध में कलेक्टर बंगले का घेराव कर निगम की इस कार्रवाई को गलत बताया था।