उत्तर प्रदेश में सोमवार यानी 16 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के चलते कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई. इस दौरान कई जगहों पर ओलावृष्टि के भी मामले सामने आए हैं. इसका सबसे ज्यादा असर फसलों पर भी पड़ा है. बारिश और ओलावृष्टि से खरीफ की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर ,संभल ,हापुड़, आगरा ,कासगंज जिले के किसान इस बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद और बक्शी के तालाब क्षेत्र में धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के चलते हुआ है. इन इलाकों में किसान की धान की तैयार फसल खेतों में ही लेट गई हैं. वहीं, आलू की बुवाई पर भी असर पड़ा है. इसके अलावा बरेली के आवला इलाके में भी तेज हवा के साथ हुई बारिश के चलते धान की खेत में कटी हुई फसल को नुकसान पहुंचा है.
किसानों के सामने जीवनयापन का संकट
बक्शी के तालाब के रहने वाले किसान शान बहादुर ने बताया है की फसल अभी पूरी तरीके से पकी भी नहीं थी ऐसे में खेत में गिरने की वजह से अब दाने नहीं पड़ेंगे. उन्होंने फसल से होने वाली कमाई के बल पर ही बेटी की शादी का सपना सजाया था जो अब टूट चुका है. शान बहादुर जैसे कई ऐसे किसान हैं जिनके सामने फसल बर्बाद होने से जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है.
केले और सब्जी की फसल को भी हुआ भारी नुकसान
बाराबंकी, सीतापुर में किसान इन दिनों बड़े पैमाने पर केले की खेती कर रहे हैं . सीतापुर में केले की फसल को बारिश और ओलावृष्टि ने काफी नुकसान पहुंचा है . अकबरपुर निवासी किसान आकाश ने बताया कि वह पिछले 5 सालों से किले की खेती कर रहे हैं. इस बार सोमवार को हुई तेज बारिश और हवाओं के चलते उनकी फसल गिर गई है जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. केले की फसल के अलावा सब्जियों की भी फसल को बारिश से काफी नुकसान हुआ है. गोभी व मिर्च की खेती करने वाले किसान इस बारिश के चलते बर्बाद हो गए हैं.