दुबई में अचानक हुई बारिश से आफत बढ़ गई. पूरा शहर पानी-पानी नज़र आने लगा. बड़ा ड्रेनेज सिस्टम होने के बावजूद जलभराव होने से संकट गहरा गया. जबकि इंडोनेशिया में भारी बारिश के साथ हुए भूस्खलन की वजह से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं. इंडोनेशिया में तीन दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. आसमानी आफत कितनी खतरनाक रही होगी. दुबई की. UAE के कई शहरों में भारी बारिश की वजह से जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है. मौसम की सबसे ज्यादा मार दुबई पर पड़ी है. ऊंची-ऊंची इमारतों वाले इस शहर में शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश मुसीबत बन गई. कई इलाकों में पानी भर गया और लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
दुबई में बारिश से बिगड़े हालात कई सवाल भी खड़े कर रहे हैं. पिछले साल नवंबर में भी दुबई इसी तरह बारिश से बेहाल हुई थी. तब नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने की चर्चा थी लेकिन इस बार हुई बारिश ने भी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. हालांकि शहर में भरा पानी निकालने के लिए काम काफी तेजी से किया गया और ज्यादातर जगह हालात कंट्रोल में भी घर लिए गए. लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को काफी मेहनत करनी पड़ी. दुबई में फरवरी से मार्च के बीच बारिश अमूमन बारिश होती है लेकिन इतनी ज्यादा कभी नहीं हुई कि वहां पानी भर जाए. अब दुबई के ड्रेनेज सिस्टम के बारे में जानते हैं.
गरजते बादल और चमकती बिजली से दुबई की जनता एक बार फिर चौंक गई. रेगिस्तानी शहर में मौसम ने ऐसी करवट बदली कि सब पानी-पानी हो गया. सड़के तालाब जैसी नज़र आने लगीं और 24 घंटे दौड़ते भागते शहर की रफ्तार पर भी मानो ब्रेक लग गया. सड़कों पर जगह-जगह पानी भरने से ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा और गाड़ियां धीरे-धीरे चलने लगीं.
कुदरत का ये बदला हुआ मिजाज कोई समझ नहीं पा रहा। मौसम विभाग के मुताबिक दुबई में महज छह घंटों में ही करीब 50 मिलीमीटर तक बारिश हो गई. जबकि यहां पूरे एक साल में औसतन 120 मिलीमीटर से भी कम बारिश होती है. अचानक हुई इस रिकॉर्ड बारिश से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुबई की जनता को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा.
भारी बारिश की वजह से शहर में व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गईं. दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में शुमार दुबई एयरपोर्ट भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. बारिश की वजह से कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानों में देरी हुई. मौसम की मार की वजह से कई उड़ानों के रूट भी बदलने पड़े. कई यात्रियों को भी एयरपोर्ट तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा.
दुबई का मौसम ज्यादातर शुष्क रहता है. दुबई में वर्ष का सबसे गर्म महीना अगस्त होता है, जिमसें सबसे ज्यादा तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहता है. दुबई में सबसे सर्द महीना जनवरी का होता है जब यहां तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. यहां वर्ष के 90% समय सबसे साफ महीना अक्तूबर होता है. दुबई में वर्ष के 46% सर्वाधिक बादलों से ढका महीना जुलाई होता है. दुबई बारिश-बर्फबारी वाले दिनों के मौसम का आदी नहीं है.
इंडोनेशिया के सुमात्र द्वीप पर आसमानी से आफत बरसी. शुक्रवार यानी 8 मार्च को यहां भारी बारिश की वजह से तबाही हुई. भारी बारिश के साथ हुए भूस्खलन की चपेट में आने से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा कि कई टन मिट्टी, चट्टानें और उखड़े हुए पेड़ पहाड़ से लुढ़क कर देर रात एक नदी में पहुंच गए। जिसकी वजह से पश्चिमी सुमात्रा प्रांत के पेसिर सेलाटन जिले के पहाड़ी इलाकों में कई तटबंध टूट गए और बाढ़ आ गई.
इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में लोग लोग पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। जहां अक्सर भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से हमेशा खतरा बना रहता है। साथ ही निचले इलाकों में बाढ़ की वजह से लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ती है। इस बार भी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का ट्रिपल अटैक लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ा है.
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— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) March 10, 2024