छत्तीसगढ़ में चुनावी समर के बीच ‘महादेव ऐप’ के मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है. जहां बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बताते हुए राज्य के सीएम भूपेश बघेल को घेर रही है. तो वहीं, बघेल अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब शनिवार को चुनाव प्रचार करने पहुंचे तो उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता का भरोसा तोड़ा है. इन्होंने तो महादेव के नाम को भी नहीं छोड़ा. आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है और इस पर क्यों भूचाल खड़ा हो गया…
दरअसल, महादेव बुक ऐप ईडी की रडार पर है. महादेव बुक ऐप सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है. इसके प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल रायपुर के रहने वाले हैं. और दोनों के दुबई में होने की आशंका है. दोनों वहीं, से ऐप को चलाते हैं. इसे भारत में बैन कर दिया गया है. एजेंसी ने कुछ महीनों पहले एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था. असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के कथित तौर पर छत्तीसगढ़ के सीएम के राजनीतिक सलाहकार के साथ संबंध हैं. आशंका है कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने अपनी अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज करने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों, राजनेताओं और अन्य लोगों को रिश्वत में सैकड़ों करोड़ रुपये दिए.
ईडी महादेव बुक के खिलाफ जांच कर रही है. इसी बीच 2 नवंबर को ईडी को खुफिया जानकारी मिली कि 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी ले जाई जा रही है. ईडी ने होटल ट्राइटन और एक अन्य स्थान पर तलाशी ली. भिलाई और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए खास तौर पर संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए एक कैश कूरियर असीम दास को डिटेन किया गया.
ईडी ने 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि (उनकी कार और उनके आवास से) बरामद की है. असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त की गई धनराशि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ को देने की व्यवस्था की गई थी. ईडी ने महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है. ईडी ने असीम दास को गिरफ्तार कर लिया.
कैसे आया भूपेश बघेल का नाम?
असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस मामले में पहले ही कई भुगतान किए जा चुके हैं. जिसके मुताबिक महादेव ऐप प्रमोटर्स ने अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया है. हालांकि एजेंसी ने ये भी कहा कि पैसे दिए गए या नहीं, ये जांच का विषय है.
आगे की जांच के दौरान ईडी ने पुलिस कांस्टेबल भीम यादव से भी पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया. ईडी की जांच से पता चला है कि पिछले 3 वर्षों में भीम यादव ने अनधिकृत रूप से दुबई की यात्रा की थी. उसने वहां जाकर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से मुलाकात की थी. महादेव एप के भव्य समारोहों में भाग लिया था और उसकी यात्रा का खर्च आहूजा के मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स ने उठाया था, जो महादेव एप की एक मनी लॉन्ड्रिंग और टिकटिंग कंपनी है. वह छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के लाभ के लिए महादेव ऐप प्रमोटरों से रिश्वत की रकम हासिल करने का जरिया था.
वीडियो ने दिया बीजेपी को मौका
इसी बीच बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया. ये वीडियो महादेव ऐप के कथित प्रमोटर शुभम सोनी है. शुभम खुद को महादेव ऐप का मालिक बता रहा है. बीजेपी ने वीडियो के हवाले से दावा किया कि इस बात के पक्के सबूत हैं कि भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए गए. बीजेपी ने कहा, दुबई में बैठे आरोपी शुभम सोनी ने इस वीडियो में महादेव ऐप की पूरी कहानी बताई है कि इस सट्टेबाजी ऐप से कौन-कौन जुड़ा है. उसने साफ कहा है कि इस सिंडिकेट में सीएम बघेल, उनके बेटे बिट्टू, उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और एक आईपीएस अधिकारी शामिल थे. इतना ही नहीं बीजेपी ने बघेल का इस्तीफा भी मांगा है.
आरोपों पर क्या बोले भूपेश बघेल?
अपने ऊपर लगातार लग रहे आरोपों के बाद सीएम भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, ईसी को ध्यान देना चाहिए. बीजेपी चुनाव नहीं लड़ रही है. एजेंसियां चुनाव लड़ रही हैं ये सभी बीजेपी के पक्ष में हैं. मुझे सिर्फ बदनाम कर रहे हैं. कोई शर्म नहीं है बीजेपी वालों को. बीजेपी मुझसे डर गई है, इसलिए मेरा नाम लेके मुझे बदनाम कर रही है. इतना ही नहीं बघेल ने दावा किया कि जिस शख्स के वीडियो के हवाले से बीजेपी उनपर आरोप लगा रही है, उसे वे जानते तक नहीं.