राजस्थान : कोटा पहुंचीं जया किशोरी, छात्रों ने खोलीं मन की गांठें, कथावाचक ने दिए ये टिप्स…

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‘अपनी कमियों को ठीक करें, उन पर काम करें, सफलता जरूर मिलेगी…’ कोटा पहुंची कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने बच्चों को ऐसी तमाम नसीहतों के साथ उनसे बातचीत भी की. वो सोमवार शाम मोशन एजुकेशन के द्रोणा-2 कैम्पस में मोटिवेशनल टॉक शो के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित कर रहीं थीं. जया किशोरी ने मोटिवेशनल स्पीच के साथ ही बच्चों के कई सवालों के जवाब भी दिए. यह सवाल बच्चों की ओर मोशन सीईओ नितिन विजय ने पूछे.

कार्यक्रम की शुरुआत में मोशन एजुकेशन के चेयरमैन सुरेंद्र विजय, डायरेक्टर सुशीला विजय और डॉ. स्वाति विजय ने उनका स्वागत किया. समारोह में पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी और अतिरिक्त जिला कलक्टर राजकुमार सिंह भी मौजूद थे. जया किशोरी ने कहा कि यदि आपको पता है कि आपके अंदर कोई बुराई या कमी है और आप उसको ठीक नहीं कर रहे हैं तो इससे बुरी बात कुछ हो ही नहीं सकती है. यही आपको सफलता से दूर ले जाती है. अगर आप अपनी कमी को ठीक नहीं करेंगे तो सफलता के पास नहीं जा पाएंगे. मेरे जीवन की सीख है कि जब कोई काम करो तो ऐसा करो कि सारा ध्यान उसी पर हो. इतना अभ्यास करो कि आप उस क्षेत्र के राजा बन जाएं, फिर आपसे आगे उस क्षेत्र में कोई न हो

उन्होंने कहा कि जीवन में हमारा सीखा ही काम आता है, इसलिए लर्निंग महत्वपूर्ण है, नंबर मायने नहीं रखते. हमारा बेहतर स्वास्थ्य जरूरी है. इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी और सात्विक खाना जरूरी है. मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे विचार जरूरी हैं. अध्यात्म की ओर जाएं और प्रकृति के साथ डिवाइन पावर से कनेक्ट हों. इससे आपको ऊर्जा मिलेगी. होश मिलेगा, जोश मिलेगा. नेम, फेम जीत नहीं है. मेरे हिसाब से विनर वह है जो खुश है. आप कर्म करो, मेहनत करो, उसके बाद जो होगा, अच्छा होगा

जया किशोरी ने ये भी कहा कि संघर्ष एक ऐसी चीज है जो आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाती है. मुझे नहीं लगता कि आपको संघर्ष के बिना स्थाई रूप से कामयाबी मिल सकती है. शॉर्टकट वाले रास्ते भी आपको कामयाबी दिला सकते हैं लेकिन वह कुछ समय तक ही रहती है. जया किशोरी ने इस दौरान कोचिंग के छात्र-छात्राओं के कई सवालों के जवाब दिए. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

स्टूडेंट्स के सवालों पर जया किशोरी के जवाब

पढ़ाई का स्ट्रेस कैसे मैनेज करें?
आप किसी से तुलना नहीं करें और अपना बेस्ट ट्राई करें. स्ट्रेस तब आता है जब आप जो कर रहे हैं, करना नहीं चाहते. इसलिए यह मानते हुए पढाई करें कि आज पढ़ाई कर ली तो आगे का जीवन आसान होगा और आज मजे किए तो कल आप अपनी जिंदगी में संघर्ष कर रहे होंगे.

सेलेक्ट नहीं हुआ तो क्या करूंगा, मम्मी पापा को फेस कैसे करूंगा ?
अगर सेलेक्ट नहीं हुए तो आप जाकर मान लेना कि पूरी कोशिश के बाद भी में नहीं कर पाया. मान कर चलें कि इस पूरी दुनिया मे मम्मी पापा से ज्यादा आपको कोई प्यार नहीं करता. उनके लिए आपकी सक्सेस जरूरी है पर आप उससे भी जरूरी हो.

गुस्से में कुछ बोल जाते हैं, बाद में पछताते हैं, इससे कैसे बचें?
जो आपके अपने हैं, उनके सामने सोच समझकर बोलिए. एंगर मैनेजमेंट घर से शुरू होता है. इसका पहला तरीका है अध्यात्म. जब आप अध्यात्म से जुड़ते हैं तो शांत होते हैं, खुद पर कंट्रोल आता है. दूसरा तरीका है जब भी आपको लगे आपके इमोशन बैलेंस नहीं हैं, तो तब बात मत करिए. मेरी इमोशन बैलेंस नहीं रहती हैं तो मैं दो-तीन घंटे बात नहीं करती हूं.

खुश कैसे रहें?
आपके पास जो-जो है, वो किसी और की जिंदगी का सपना हो सकता है. इसलिए जो मिला है उस पर ध्यान दीजिए तो आप अपने आप खुश हो जाएंगे. जिंदगी के 80 परसेंट दुख इसीलिए हैं कि जो है उस पर ध्यान नहीं है, जो नहीं है उस पर फोकस है. यह फोकस बदल लीजिए बस.