राजस्थान : कोटा में नीट की तैयारी कर रही छात्रा ने किया सुसाइड, इस साल का यह 29वां मामला

राष्ट्रीय

राजस्थान के कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. गुरुवार सुबह एक और सुसाइड का मामला सामने आया है. नीट की तैयारी कर रही 21 वर्षीय छात्रा निशा यादव ने सुसाइड कर लिया है. पिछले तीन दिन में ये दूसरा और इस साल में स्टूडेंट सुसाइड का 29वां मामला है.

निशा यादव (21) उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की रहनी वाली थी और महावीर नगर प्रथम इलाके में एक हॉस्टल में रहती थी. मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार रात को छात्रा ने अपने हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. फिलहाल सुसाइड की वजह सामने नहीं आई है, शव को एमबीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी में ले जाया गया है

निशा कोटा में रहकर निजी कोचिंग से मेडिकल की तैयारी कर रही थी. पहले इन्द्रविहार इलाके में रहती थी. 18 नवंबर को ही निशा हॉस्टल बदलकर महावीर नगर प्रथम इलाके में रहने आई थी. इस दौरान उसके पिता भी साथ थे. निशा के पिता 6 दिन कोटा रुककर 23 नवंबर को वापस लौटे थे. देर रात भी निशा ने अपने पिता से फोन पर बात की थी. उसके बाद कमरे में फांसी लगा ली.

पिता ने दोबारा फोन किया तो निशा ने फोन नहीं उठाया. पिता को शक हुआ तो उन्होंने रात 1 बजे हॉस्टल स्टाफ को फोन कर निशा से बात कराने को कहा. हॉस्टल स्टाफ के गेट बजाने पर निशा ने दरवाजा नहीं खोला. स्टाफ ने हॉस्टल संचालक को इसकी सूचना दी. जब गेट तोड़ा गया तो निशा फंदे पर लटकी हुई थी. इस हॉस्टल में 19 कमरे हैं और करीब 12 गर्ल्स स्टूडेंट्स यहां रहती हैं. निशा के सुसाइड करने से सभी गुमसुम हैं.

कोटा में सोमवार को नीट की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र ने सुसाइड किया था. छात्र दादाबाड़ी के वफ्फ नगर में किराये पर रहकर तैयारी कर रहा था और यहीं दादाबाड़ी की ही कोचिंग से पढ़ाई कर रहा था. वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला था और पिछले साल ही कोटा आया था. हालांकि छात्र की आत्महत्या के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इस साल में कोटा में छात्र आत्महत्या के मामलों ने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं. इस साल अक्टूबर 2023 तक 27 स्टूडेंट सुसाइड मामले सामने आए थे, जो नवंबर में बढ़कर 29 हो गए हैं. कोटा में लगातार बढ़ रहे स्टूडेंट सुसाइड मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई तरह के कदम उठाए हैं. छात्र-छात्राओं को घर जैसा माहौल देने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाई लेवल मीटिंग हो रही हैं. ताकि छात्र आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम न उठा सके.