राजनांदगांव : बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा:मां काली ने रौद्र रूप में नृत्य कर किया असुरों का वध

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राजनांदगांव शहर में बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बाबा महाकाल की इस यात्रा में हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। महाकाल मित्र मंडल द्वारा शुक्रवार को निकाली गई शोभायात्रा में ओडिशा के कटप्पा बाजा दल के साथ ही हरियाणा के अघोरी भक्तों के दल ने आकर्षित किया।

वहीं जबलपुर के मयूर डांस ने भी लोगों का मन मोह लिया। बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा राजनांदगांव शहर के गुरुद्वारा चौक से निकाली गई। शोभायात्रा मानव मंदिर चौक, गांधी चौक, भारत माता चौक होते हुए जयस्तंभ चौक पर समाप्त हुई, जहां आरती के बाद प्रसाद और रुद्राक्ष का वितरण भी किया गया।

मां काली ने किया असुरों का वध

शोभायात्रा के दौरान भगवान शिव जी के सामने मां काली ने रौद्र रूप में नृत्य कर असुरों को वध किया। विशाल हाथी ने बाबा महाकाल की शोभायात्रा की अगुवानी की। विशाल झांकी में महाकाल की भस्म आरती आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा में ओडिशा के कालाहांडी से पहुंचे कटप्पा बाजा दल के 25 कलाकार और हरियाणा से पहुंचे 11 अघोरी भक्त नाचते-झूमते हुए नजर आए।

शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए निकली, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। शहर के 32 जगहों पर शोभायात्रा का स्वागत हुआ। संस्कारधानी महाकाल मित्र मंडल के अध्यक्ष निखिल द्विवेदी ने बताया कि समिति ने चौथे साल भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया है। पिछले 3 सालों में अलग-अलग थीम पर यह यात्रा निकाली गई।

निखिल द्विवेदी ने बताया कि इस बार भव्य शोभायात्रा में हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के कलाकारों ने भव्य प्रस्तुति दी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला का समावेश भी इस बार दिखाई दिया। बाबा महाकाल की शोभायात्रा भस्म आरती के रूप में शहर में घूमी।

गाजे-बाजे और डीजे की धुन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। इस यात्रा में राउत नाचा, पंथी नृत्य, आदिवासी नृत्य, भस्म आरती की झांकी, रामधुनी, गेड़ी नृत्य भी देखने को मिला। भक्त भगवान शिव, माता पार्वती एवं महाकाल की वेशभूषा में शामिल हुए। भगवान भोलेनाथ ने भी हाथों में डमरू और त्रिशूल लेकर शिव तांडव किया और उनके साथ अघोरी भक्त भी झूमते दिखे।

शनिवार 18 फरवरी को पूरे प्रदेश में पूरे भक्ति भाव से महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। इस मौके पर एक दिव्य और दुर्लभ संयोग बना है। 18 फरवरी को शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा के मिलने से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है।