बेंगलुरु में रैपिडो ड्राइवर ने महिला को थप्पड़ मारा, VIDEO..लापरवाही से गाड़ी चलाने पर बहस हुई थी

बेंगलुरु के जयनगर इलाके में एक रैपिडो बाइक टैक्सी ड्राइवर द्वारा महिला से मारपीट का मामला सामने आया है। यह घटना तीन दिन पुरानी यानी शुक्रवार की है और अब इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, महिला ने तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर ड्राइवर से शिकायत की थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हुई, जो बाद में झगड़े में बदल गई। वीडियो में दिख रहा कि ड्राइवर ने महिला को थप्पड़ मारा, जिससे वह जमीन पर गिर गई। घटना का वीडियो किसी राहगीर ने रिकॉर्ड किया, जिसमें आसपास खड़े कई लोग भी नजर आ रहे हैं। पहले तो महिला शिकायत करने में हिचकिचा रही थी, लेकिन बाद में पुलिस के समझाने पर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। कर्नाटक में आज से बाइक टैक्सी पर बैन लगाया गया है। इसको लेकर बाइक टैक्सी एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है और बैन हटाने की मांग की है।

फिलहाल मामले में एनसीआर (नॉन कॉग्निजेबल रिपोर्ट) दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि वायरल वीडियो को देखते हुए अब एफआईआर दर्ज करने पर विचार किया जा रहा है।जयनगर थाना पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। कर्नाटक सरकार के आज (16 जून) से बाइक टैक्सी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ नम्मा बाइक टैक्सी एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। यह कदम 13 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा सरकार के उस आदेश को वैध ठहराने के बाद आया है जिसमें रैपिडो, ओला और उबर मोटो जैसी बाइक टैक्सी सेवाओं को गैरकानूनी करार दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी।
एसोसिएशन के मुताबिक, राज्यभर में एक लाख से ज्यादा ड्राइवर खासकर बेंगलुरु में बाइक टैक्सी से जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि “हममें से कई छात्र, मजदूर, माता-पिता हैं, जिन्होंने कोविड के बाद यही काम अपनाया। हम गर्मी, बारिश और ट्रैफिक में 10-12 घंटे काम करते हैं ताकि परिवार चला सकें।”

बाइक राइडर्स ने सरकार से बैन की बजाय दिल्ली, राजस्थान और तेलंगाना की तरह नियम बनाने की अपील की है, जिसमें लाइसेंस, बीमा, ट्रेनिंग और सुरक्षा जैसे बिंदु शामिल हों। उन्होंने यात्रियों के लिए भी चिंता जताई, जिन्हें अब आवागमन में दिक्कत होगी। उन्होंने सरकार से ड्राइवर समुदाय से संवाद कर समावेशी और संतुलित नीति बनाने की मांग की है, जो यात्री सुरक्षा और रोजगार दोनों की रक्षा करे।

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