राजस्थान, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी अब अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का ऐलान किया है। तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को इसकी घोषणा की। 26 जुलाई को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने आरक्षण देने की घोषणा की थी। 22 जुलाई को हरियाणा और उत्तराखंड की सरकार भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का ऐलान कर चुकी है। इस तरह अब तक 10 राज्य ऐसी घोषणा कर चुके हैं। इससे पहले दो साल पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी BSF, CRPF, ITBP, SSB और CISF में अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी। सेना में अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीरों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच टकराव चल रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे बंद करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा कि INDIA गठबंधन की सरकार में इस योजना को बंद कर दिया जाएगा। सरकार ने 2022 में अग्निपथ स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में चार साल के लिए नौजवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है। 4 साल में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। चार साल बाद अग्निवीरों को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। इसी मेरिट के आधार पर 25% अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा। बाकी लोग वापस सिविल दुनिया में आ जाएंगे।
इस स्कीम में ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की भर्ती होगी। यानी इनकी रैंक पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक यानी PBOR के तौर पर होगी। इन सैनिकों की रैंक सेना में अभी होने वाली कमीशंड ऑफिसर और नॉन-कमीशंड ऑफिसर की नियुक्ति से अलग होगी। साल में दो बार रैली के जरिए भर्ती की जाएगी।