चंद्रयान-3 की सफलता के लिए उज्जैन में अनुष्ठान: कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में मॉडल रखकर अभिषेक

राष्ट्रीय

चंद्रयान 3 की सफलता के लिए उज्जैन में भी अनुष्ठान-अभिषेक किए जा रहे हैं। यहां सांदीपनि आश्रम स्थित श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर में शुक्रवार को विशेष पूजा की गई। शिवलिंग का अभिषेक कर चंद्रयान की बिना विघ्न लैंडिंग के लिए मंत्रों का जाप भी किया गया।

पंडित शैलेष व्यास ने बताया कि मंदिर में चंद्रयान के मॉडल को रखकर पूजन किया गया। लैंडिंग की उलटी गिनती शुरू होने के बाद विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रार्थना हुई।

उन्होंने बताया कि इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ बीती 24 मई को उज्जैन आए थे। उन्होंने महाकालेश्वर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए थे। वे श्री कुण्डेश्वर महादेव मंदिर भी पहुंचे थे। 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान महाकालेश्वर को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। उन्हें पाताल, धरती और आकाश में सर्वप्रथम और सर्व पूज्य कहा गया है। यही कारण है कि इसरो प्रमुख ने महाकाल मंदिर में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए कामना की थी।

आज दोपहर 2.30 बजे चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा। जैसे ही यह चांद की सतह पर पहुंचेगा, लैंडर और रोवर चांद के एक दिन यानी धरती के 14 दिन के लिए एक्टिवेट हो जाएंगे। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान मिशन के 3 लक्ष्य

चंद्रयान-3 के लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग।
इसके रोवर को चांद की सतह पर चलाकर दिखाना।
वहां मौजूद एलिमेंट्स का वैज्ञानिक परीक्षण।

चंद्रयान जरूरी क्यों?

करीब 700 करोड़ रुपए की लागत वाला चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए अहम है क्योंकि इस मिशन का लैंडर चांद के उस हिस्से तक जाएगा, जिसके बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है।
इस अभियान के तहत चांद की सतह पर रासायनिक तत्व, मिट्टी और पानी के कण जैसे प्राकृतिक संसाधनों को देखा जाएगा।
चंद्रयान-3 के जरिए भारत अपने पड़ोसी चीन को स्पेस में एकतरफा बढ़त लेने से रोकेगा, जो पहले ही अपने 3 अभियानों को मंजूरी दे चुका है।
चांद की वीरान और उजाड़ सतह के नीचे कई बहुमूल्य धातुएं मौजूद होने की संभावना है। इनमें सोना, प्लेटिनम और यूरेनियम शामिल हैं।