समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी सुनवाई हो रही है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इससे पहले केंद्र सरकार ने एक और हलफनामा देकर SC से कहा है कि कोई भी फैसला देने से पहले केद्र को राज्यों के साथ परामर्श की प्रक्रिया को पूरा करने का समय दिया जाए. केंद्र ने इस मामले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पार्टी बनाने की मांग की है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में सुनवाई जारी रखेगा.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कानून द्वारा संचालित समाज में बदलाव के बारे में बात की. उन्होंने कहा, सेम सेक्स मैरिज करने वाले कपल्स के माता पिता ने भी संघर्षों के बाद उनके रिश्तों को स्वीकार कर लिया है. सामाजिक कलंक और बहिष्करण को मिटाने की जरूरत है. इतना ही नहीं मुकुल रोहतगी ने नेपाल सुप्रीम कोर्ट और अमेरिकी कोर्ट के फैसलों का भी हवाला दिया.