राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सबके पूर्वज समान हैं, 40,000 साल पहले से जो भारत था, काबुल के पश्चिम से छिंदविन नदी की पूर्व तक और चीन की तरफ की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जो मानव समूह आज है उनका DNA 40,000 सालों से समान है और तबसे हमारे पूर्वज समान हैं. हमको उन पूर्वजों ने यही सिखाया. भागवत ने कहा कि अपनी-अपनी पूजा है उस पर पक्के रहो, अपनी-अपनी भाषा है, उसे बोलो, उस भाषा का विकास करो. अपने-अपने खान-पान और रीति-रिवाज पर भी पक्के रहो.
मोहन भागवत पहले भी इस बात को कह चुके हैं कि भारतीयों के पूर्वज एक ही थे, इसलिए उनका डीएनए समान है.इससे पहले आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा था कि भारत में 99 फीसदी मुसलमान अपने पूर्वजों, संस्कृति, परंपराओं और मातृभूमि के लिहाज से हिंदुस्तानी हैं. 13 नवंबर को कुमार ठाणे जिले के उत्तन में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में आरएसएस की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के कार्यकर्ताओं की दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
"सबके पूर्वज समान हैं….उन सभी का DNA 40,000 वर्षों से समान है"
◆ RSS प्रमुख मोहन भागवत @DrMohanBhagwat pic.twitter.com/0hS2ZuxEKD
— News24 (@news24tvchannel) November 16, 2022
इंद्रेश कुमार ने बताया DNA का अर्थ
कुमार के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया कि हमें पवित्र कुरान के निर्देशों और सिद्धांतों के अनुसार, अपने राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्य को सर्वोच्च और अन्य सभी चीजों से ऊपर मानना चाहिए.उन्होंने भागवत के भारतीयों का समान डीएनए वाले बयान का हवाला देते हुए कहा कि डी का अर्थ है सपने, जो हम रोज देखते हैं, एन मूल राष्ट्र को दर्शाता है और ए पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करता है. कार्यशाला में महिला कार्यकर्ताओं सहित राज्य भर के 40 से अधिक स्थानों से कुल 250 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इस अवसर पर एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक इरफान अली पीरजादे और विराग पचपोर सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.
इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में जारी भारत जोड़ो यात्रा के असर से भागवत को मदरसा और मस्जिद जाने पर मजबूर होना पड़ा है और कुछ ही दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी टोपी पहननी शुरू कर देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब और अन्य देशों में तो टोपी पहनते हैं, लेकिन वह भारत लौटने के बाद सिर पर टोपी नहीं लगाते.