‘चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण’, RSS का बयान – बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन में वैश्विक प्रयास करे भारत

राष्ट्रीय

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज एक बयान जारी करके बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़े शब्दों में निंदा की. आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बयान में कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी व महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी भर्त्सना करता है.’ कहा, ‘वर्तमान की बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई हैं. बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा आत्मरक्षा के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से उठायी गई आवाज को दबाने के लिए उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है. ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के पूर्व सदस्य और हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है.’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हों. आरएसएस ने चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की मांग की है. संघ ने भारत सरकार से आह्वान किया है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे. आरएसएस ने भारत सरकार से बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में वैश्विक सहमति बनाने हेतु यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाने की अपील की है

बांग्लादेश में इस साल 5 अगस्त को आवामी लीग प्रमुख शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से ही कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश में इस समय मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार शासन देख रही है. उस पर चरमपंथियों को पराश्रय देने का आरोप लग रहा है. चिन्मय कृष्ण दास हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे. बांग्लादेश पुलिस ने 25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में चिन्मय प्रभु को चटगांव से गिरफ्तार किया और स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. फिलहाल वह जेल में हैं.