ओडिशा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य सचेतक मोहन माझी सहित पार्टी के दो विधायकों को गुरुवार को विधानसभा में स्पीकर प्रमिला मलिक के आसन की ओर कथित तौर पर ‘दाल’ फेंकने के लिए सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. भाजपा के जिस अन्य विधायक को निलंबित किया गया है उनका नाम मुकेश महालिंग है.
वहीं माझी ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के आसन की ओर ‘दाल’ नहीं फेंकी थी. उन्होंने हालांकि, कहा कि भाजपा सदस्य विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक को उपहार में देने के लिए ‘दाल’ सदन में लेकर आए थे.
स्पीकर मलिक ने कहा कि दो विधायकों को निलंबित करने का फैसला सदन के नियमों के तहत लिया गया है. माझी द्वारा आरोपों से इनकार किए जाने पर मलिक ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि माझी ने क्या कहा है. उन्हें सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित कर दिया गया है.’ सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की वरिष्ठ नेता प्रमिला मलिक को 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया, वह इस पद पर पहुंचने वाली राज्य की पहली महिला हैं.
बीजेपी विधायक का आरोप
माझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मेरे खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि मैंने अध्यक्ष के आसन पर ‘दाल’ नहीं फेंकी. मेरे ऊपर लगाया गया आरोप पूरी तरह से प्रेरित है. विधानसभा अध्यक्ष ने सीसीटीवी फुटेज की जांच किए बिना ही मुझे निलंबित कर दिया.’
महालिंग ने आरोप लगाया कि मलिक, पूर्व महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री के रूप में, ‘दाल’ घोटाले में फंसी थीं, और हम उन्हें उपहार देने के लिए दाल लाए थे. उन्होंने कहा, ‘भाजपा सदस्य अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करने के लिए पॉलिथीन बैग में दालें सदन में लाए, जिन पर उन्होंने सदन चलाने के दौरान निष्पक्ष नहीं रहने का आरोप लगाया.’
बीजद विधायक की टिप्पणी से शुरू हुआ हंगामा
इससे पहले सत्तारूढ़ बीजद विधायक की टिप्पणी के बाद हंगामा शुरू हो गया, जिन्होंने शून्यकाल के दौरान विपक्षी सदस्यों से अच्छे “मानसिक स्वास्थ्य” के साथ सदन में आने का आग्रह किया था.बीजद विधायक द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों का विरोध करते हुए विपक्षी भाजपा सदस्य सदन के वेल में जमा हो गए थे और विधानसभा रिकॉर्ड से “मानसिक स्वास्थ्य विकार” शब्दों को तत्काल हटाने की मांग की. स्पीकर ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही हैं.
दोपहर में सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी क्योंकि भाजपा सदस्य उन शब्दों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग करते हुए चिल्ला रहे थे. विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्र ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष निष्पक्ष नहीं हैं और सत्ता पक्ष की ओर झुके हुए हैं. भाजपा नेता ने कहा, “हालांकि अध्यक्ष ने दिन में सदन में मेरे द्वारा कहे गए दो शब्दों को तुरंत हटा दिया, लेकिन उन्होंने बीजद विधायक के मानसिक स्वास्थ्य विकार जैसे शब्दों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.”