छत्तीसगढ़ के 2 अलग-अलग जिलों में राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान जमकर बवाल हो गया। सबसे पहले तो मनेंद्रगढ़ में नगर पालिका अध्यक्ष नाराज होकर जमीन पर ही बैठ गईं तो वहीं अंबिकापुर में कांग्रेस नेता ने मंच में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गए। दोनों जगह काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। अंबिकापुर में तो तहसीलदार को हाथ तक जोड़ना पड़ गया।
01 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश के हर जिलों में राज्योत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी कड़ी में मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक विनय जायसवाल शामिल हुए। इसके अलावा मनेंद्रगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल को भी बुलाया गया था।
बताया जा रहा है कि प्रभा पटेल अपने सभी कांग्रेस पार्षदों के साथ आयोजन स्थल पहुंची थी। लेकिन कुछ समय बाद वह जमीन पर ही बैठ गईं। उनके साथ कांग्रेस के सभी पार्षद भी बैठ गए। प्रभा ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मंच में जगह नहीं दी गई है। ना ही जो बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। उसमें भी उनकी और ना ही किसी भी कांग्रेस पार्षद की फोटो लगाई गई है। वो इस बात को लेकर भी नाराज थीं कि पूरे शहर में जो पोस्टर लगाए गए। उनमें भी उनकी फोटो तक नहीं है।
ये देखकर प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आए और काफी समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद प्रभा नहीं मानीं। फिर जब कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने उन्हें काफी समझाया तब जाकर वह शांत हुईं और कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस बीच काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा।
उधर, अंबिकापुर में भी ऐसा ही कुछ हुआ। यहां पर कला केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के मुख्य अतिधि संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े थे। वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जेपी श्रीवास्तव और प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा भी शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन इन दोनों नेताओं को मंंच में जगह ही नहीं दी गई। ये देखकर दोनों भड़क गए और नाराज होने लगे।
इसके बाद दोनों ने संसदीय सचिव के सामने ही नाराजगी जताई और कहा कि हमारी सरकार है। इसके बावजूद हमारे साथ हमेशा ऐसे ही किया जाता है। हमारी उपेक्षा की गई है। जो ठीक नहीं है। इस बीच तहसीलदार भूषण मंडावी हाथ जोड़कर दोनों को मनाने में लगे रहे। तब जाकर कुछ समय बाद दोनों शांत हुए। वहीं इस पूरे मामले को लेकर कार्यकर्ताओं में जमकर नाराजगी देखने को मिली है।