भिलाई : श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में फिर जमकर हंगामा हुआ है। मरीज की पेसमेकर बदलने के बाद हुई मौत को लेकर मरीज के तीमारदारों ने यह हंगामा किया है। मरीज के परिजनों की माने तो उन्होंने पिछले दिनों महेश यादव को सीने में दर्द की शिकायत पर शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, जहां मरीज की पेस मेकर बदलने के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि पेसमेकर बदलने की कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई और अचानक ही अस्पताल से फोन करके बताया गया कि महेश यादव की मौत हो गई। फिलहाल स्मृति नगर थाने की पुलिस भी मौके पर मौजूद है। अस्पताल के सामने मृतक के परिजनों के साथ कई लोग इकट्ठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि हार्ट के मरीज 42 वर्षीय महेश यादव को इलाज के लिए शंकराचार्य अस्पताल लाया गया था। महेश का 10 साल पहले हार्ट का ऑपरेशन हुआ था और उस दौरान उनके हार्ट में वॉल्व व पेसमेकर लगाया गया था। एक बार फिर से स्वास्थ्य बिगड़ने पर परिजन महेश को रविवार सुबह 11 बजे अस्पताल लेकर आए और दूसरे दिन सोमवार को दोपहर के 2 बजे ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई।
परिजनों को यह पता चला तो उन्होंने अस्पताल के मुख्य गेट पर प्रदर्शन शुरू किया और यह आरोप लगाया है कि ऑपरेशन से पहले किसी भी तरह से परिजनों से पूछताछ नहीं की गई। परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक डॉ दिलीप रत्नानी पर इलाज में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। परिजनों की ओर से आए पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता जां निसार अख्तर ने बताया कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। महेश यादव के घर में कमाने वाला उनके आलावा और कोई नहीं था। महेश यादव का एक बेटा जिसकी उम्र 19 साल है, स्टूडेंट है। इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि डॉक्टर के तरफ से सबसे पहले इलाज को महत्व दिया जाता है। श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप रत्नानी ने कहा कि मरीज का पहले भी वाल्व बदला जा चुका है और पेसमेकर भी लगा था उसकी स्थिति सामान्य नहीं थी। मैंने मरीज की जान बचाने का पूरा प्रयास किया, ऑपरेशन से पहले मरीज के परिजनों से कंसर्ट लेटर पर साइन नहीं लिया था।