रूस भारत को जमकर बेच रहा सस्ता तेल… पाकिस्तान क्यों हुआ मायूस…

राष्ट्रीय

भारत के साथ जहां रूस का तेल व्यापार फल-फूल रहा है वहीं, पाकिस्तान को तेल देने से रूस पीछे हटता दिख रहा है. पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि रूस पाकिस्तान के साथ 60 डॉलर प्रति बैरल के प्राइस कैप पर लंबे समय के लिए कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है.

अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने पिछले साल दिसंबर के महीने में तेल से होने वाले रूसी राजस्व पर लगाम कसने के लिए रूसी तेल का एक प्राइस कैप तय कर दिया था जिसके मुताबिक, रूस अपने तेल को 60 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कीमत पर नहीं बेच सकता है. इस प्राइस कैप का मकसद तेल बाजार में तेल की आपूर्ति बरकरार रखते हुए रूस को नुकसान पहुंचाना था.

पाकिस्तान के अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइस कैप के भीतर रहते हुए रूस के साथ पाकिस्तान के तेल समझौते के लिए अपनी सहमति दे दी है लेकिन रूस प्राइस कैप से नीचे पाकिस्तान के साथ समझौता करने को अनिच्छुक है

पाकिस्तान की सरकार ने अक्टूबर में मूल्य सीमा के भीतर रूस के साथ लंबे समय के लिए तेल आपूर्ति समझौते पर बातचीत करने का फैसला किया था. पाकिस्तानी सरकार चाहती है कि रूस अपने तेल की फ्री-ऑन-बोर्ड कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल निर्धारित करे. फ्री ऑन बोर्ड का मतलब बंदरगाह पर ली जाने वाली वास्तविक कीमत से है जिसमें शिपिंग, लोडिंग का चार्ज शामिल नहीं होता.

बाद में पाकिस्तान की सरकार ने इस समझौते में सरकार से सरकार के बीच कॉन्ट्रैंक्ट को रोक दिया था और इसके बजाए पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड (PRL) को रूस से कच्चे तेल की खरीद समझौता करने की अनुमति दे दी. इसके बाद, पीआरएल ने रूस के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट किया था जिसके तहत इस साल दिसंबर में पाकिस्तान को रूसी तेल का एक कार्गो मिलने वाला है.

PRL ने एक लाख टन रूसी तेल के एक कार्गो का आयात किया और उसे सफलतापूर्वक रिफाइन भी किया. जून में हुए इस तेल खरीद से पाकिस्तान को लाभ भी हुआ है. तेल को एक रूसी बंदरगाह से ओमान के जरिए पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर लाया गया था.

हालांकि, दूसरा रूसी तेल कार्गो पाकिस्तान आ पाएगा नहीं, इसे लेकर अनिश्चितता है. इसी साल अक्टूबर में रूसी ऊर्जा फोरम के मौके पर PRL ने रूस से कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए लंबे अरसे का एक समझौता किया था लेकिन इसे लेकर चल रही वार्ता के दौरान प्राइस कैप के अंदर तेल की खरीददारी को लेकर रूसी पक्ष ने लंबे समय तक इसमें शामिल नहीं होने की इच्छा जताई थी.

PRL और रूस के बीच प्राइस कैप को लेकर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने इसी हफ्ते मंगलवार को पाकिस्तान का दौरा भी किया था. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ऐसे किसी भी समझौते पर सहमत नहीं हो सकता जो प्राइस कैप का उल्लंघन करे. क्योंकि अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं