उत्तर प्रदेश के संभल में 1978 में हुए दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए योगी सरकार आगे आई है. दंगे की अब फिर से जांच होगी. दंगे की बंद फाइल को फिर से खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है. संभल पुलिस और प्रशासन मिलकर 47 साल पुराने दंगे की जांच करेंगे और एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगे. वर्ष 1978 में संभल में सांप्रदायिक दंगा भड़का था, जिसमें 184 लोगों की जानें गई थीं. कर्फ्यू भी लगा था. 14 दिसंबर 2024 को संभल प्रशासन ने खग्गू सराय मोहल्ले में 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया था. तभी से 1978 के दंगों का जिक्र सामने आया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 1978 के दंगों में संभल में 184 लोग मारे गए थे और कई लोग बेघर हो गए थे. उन्होंने इन दंगों की जांच की बात भी कही थी. अब 1978 के दंगों की दोबारा फाइल खुलेगी. 7 जनवरी को संभल जिले के एसपी ने डीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि यूपी विधान परिषद सदस्य श्रीचंद्र शर्मा ने दंगों की दोबारा जांच की मांग की है. इस पर उन्हें यूपी के उप सचिव गृह और पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) का पत्र मिला है. पुलिस की तरफ से जांच में संभल के ASP उत्तरी श्रीश चंद्र होंगे.
एसपी संभल ने अपने पत्र में DM से मांग की है कि वह संयुक्त प्रशासनिक जांच के लिए प्रशासन से किसी अधिकारी को नामित करें, ताकि पुलिस और प्रशासन संयुक्त रूप से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर सकें. माना जा रहा है कि इस जांच से दंगे में शामिल उन लोगों के नाम भी सामने आएंगे जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं. इसके अलावा यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि जब 1978 के दंगों की फिर से जांच होगी तो पीड़ितों को न्याय भी मिलेगा. बहरहाल 1978 के दंगों की दोबारा फाइल खोलने के बाद पीड़ितों को फिर से न्याय मिलने की उम्मीद जगी है.