कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के दोषी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। 12:30 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, CBI और पीड़ित परिवार के वकील की बातें सुनीं। जज अनिर्बान दास ने संजय से कहा कि यह बताया जा चुका है कि तुम किन अपराधों के दोषी हो। अदालत ने संजय को बोलने का मौका दिया था।
पहला- दोषी संजय रॉय 1. मैंने कोई जुर्म नहीं किया, मुझे फंसाया गया। मैंने कुछ भी नहीं किया और इसके बावजूद मुझे दोषी करार दे दिया गया। 2. मुझे जेल में पीटा गया और दस्तावेजों पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया गया। 3. संजय के वकील ने कहा कि हमें इस बात के सबूत दिए जाने चाहिए कि दोषी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। फांसी के अलावा कोई सजा दी जाए ताकि उसे सुधार का वक्त मिले। दूसरा- CBI हम फांसी की मांग करते हैं ताकि लोगों के बीच में समाज पर भरोसा बना रहे। तीसरा- पीड़ित के पेरेंट्स रेप-मर्डर पीड़ित के माता और पिता के वकील ने कहा कि दोषी को फांसी दी जाए। संजय सिविक वॉलंटियर था, अस्पताल की सुरक्षा में था, लेकिन उसने ही जघन्य अपराध किया। उसने उस पीड़ित के साथ अपराध किया, जिसकी उसे हिफाजत करनी थी। पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी ने कहा- हम फांसी की मांग करते हैं। संजय की मां-बहन ने कहा है वे सजा के खिलाफ अपील नहीं करेंगे, भले ही फांसी ही क्यों न दी जाए। मां ने कहा कि मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।
आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है. 9 अगस्त, 2024 को हुए इस जघन्य कांड के 164 दिन बाद सियालदह कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है. इससे पहले संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा था कि वो इस मामले में दोषी है. उसे उसके किए की सजा जरूर मिलनी चाहिए. महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत के दोषी पाया गया है. इन धाराओं के तहत अपराधी को अधिकतम सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास दिए जाने का प्रावधान है. सजा सुनाने से पहले जज ने संजय से कहा, ”मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए सभी आरोप जैसे बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं.’