सऊदी अरब की लड़कियां कर रहीं पोल डांस, देखकर चौंकी दुनिया

अंतरराष्ट्रीय

ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन चरम पर है. महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान की महिलाएं खुद की आजादी की मांग करते हुए हिजाब की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग कर रही हैं. इस्लामिक देश सऊदी अरब में भी कई वर्षों तक सऊदी की महिलाएं क्या पहन सकती हैं और वे कौन और कहां काम कर सकती हैं, उनके खेल और मनोरंजन पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए थे. हालांकि, हाल के वर्षों में सऊदी अरब ने दुनिया की नजरों में उदार छवि बनाने के लिए महिलाओं की आजादी को लेकर कई तरह के प्रतिबंध हटाए हैं.

पोल डांस करने में कोई शर्म नहीं

सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पोल डांस करने वाली एक छात्रा ने कहा कि जब तक मेरे काम से किसी की भावनाएं आहत न हो, उसे करने में मुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं है. छात्रा ने कहा कि हो सकता है कि हर कोई इसे करने में सहज न हो. यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है और वह इस डांस को करने में किसी तरह का शर्म महसूस नहीं करती हैं. पोल डांस के पक्ष में लोगों का तर्क है कि चूंकि सऊदी अरब में शराब पर प्रतिबंध है, और कोई स्ट्रिप क्लब नहीं है, इसलिए इस तरह के डांस या गतिविधियों का स्वागत करना चाहिए.

छात्रा ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि उसने पोल डांसिंग फिलहाल रोक दी है. इसकी वजह है कि इसमें बहुत ज्यादा मेहनत पड़ती है. ये स्क्रीन पर देखने में जितना आसान लगता है, उतना असल में है नहीं. इसमें मसल्स की मजबूती और ताकत चाहिए जोकि मुझमें नहीं है.

रियाद में एक जिम की मैनेजर युसूफ ने कहा कि पोल डांसिंग की वजह से उनके कई क्लाइंट्स के ट्रांसफॉर्मेशन में मदद मिली है.

पहचान के लिए और काम बाकी

जब योग प्रशिक्षक नाडा ( 28 वर्ष ) ने पोल डांस करना शुरू किया था तो सऊदी अरब के लोगों द्वारा कड़ा विरोध किया गया था. नाडा के परिवार और दोस्तों ने भी एक्सरसाइज के इस फॉर्म को नैतिक रूप से गलत बताया था. नाडा का मानना है कि उसने अपनी लड़ाई में कुछ जीत हासिल कर ली है. जो दोस्त और परिवार पहले इसे गलत बता रहे थे, वो आज कह रहे हैं कि हम भी इसे करना चाहते हैं. हालांकि, नाडा अपनी पूरी पहचान नहीं बताना चाहतीं. उनके मन से रूढ़िवादी समाज का डर पूरी तरह से निकला नहीं है. इससे जाहिर होता है कि पोल डांस को पहचान दिलाने के लिए सऊदी अरब के बाकी पोल डांसरों को अभी भी इस क्षेत्र में बहुत काम करना होगा.

यूएई में महिलाओं का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच

सऊदी अरब में कई वर्षों तक सऊदी की महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए थे. हालांकि, हाल के वर्षों में सऊदी अरब ने दुनिया की नजरों में अच्छी छवि बनाने के लिए महिलाओं की आजादी को लेकर कई तरह के प्रतिबंध हटाए हैं. पिछले महीने ही सऊदी अरब की महिला टीम ने भूटान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच खेला है. सऊदी महिलाओं द्वारा खेला गया यह पहला अंतरराष्ट्रीय मैच है. सऊदी सरकार पुरुषों की तरह महिला फुटबॉल प्रीमियर लीग की भी शुरुआत करने पर विचार कर रही है.

गोल्फ में भी महिलाओं को मौका
पुरुषों का गेम कहे जाने वाले गोल्फ में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में भी सऊदी सरकार काम कर रही है. सऊदी में घरेलू स्तर पर गोल्फ की लोकप्रियता काफी बढ़ रही है.

क्या है पोल डांस
पोल डांस को व्यायाम का एक रूप माना जाता है. यह देखने में जितना आसान लगता है इसे करना उतना ही ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इसमें पोल और बॉडी के बीच ग्रिप बनाकर रखना मुश्किल होता है. इसमें पोल के साथ हाथ का ग्रिप बनाकर पैरों को हवा में बैलेंस बनाते हुए गोलाई में घुमाया जाता है.