हज को लेकर सऊदी अरब सरकार का बड़ा फैसला

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सऊदी अरब ने हज या उमराह करने वाली महिलाओं के लिए महरम की अनिवार्यता खत्म कर दी है. अब कोई भी महिला बिना महरम ( पुरुष साथी ) के हज या उमराह करने के लिए सऊदी अरब जा सकती हैं. इससे पहले हज या उमराह करने के लिए महरम का साथ होना जरूरी होता था. जिसके कारण कई महिलाएं सोच कर भी हज या उमराह पर नहीं जा पाती थीं. सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-राबिया ने कहा कि अब महिलाएं बिना किसी महरम के हज या उमराह कर सकती हैं.

महिलाओं का जीवन सरल बनाना मकसद
सऊदी सरकार के पूर्व हज मंत्री इब्राहिम हुसैन ने कहा कि महिलाएं पहले से ही कई बाधाओं का सामना करती हैं. उन्हें हज या उमराह के लिए पुरुष साथी ( महरम ) ढूंढना मुश्किल होता है या अगर मिल भी जाता है तो महंगाई का बोझ बढ़ जाता है. महिलाओं को बिना मेहरम हज या उमराह करने की अनुमति देना उनके जीवन को सरल बनाना है.

भारतीयों को भी फायदा
भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल लगभग 80 हजार भारतीय मुसलमान हज करने के लिए सऊदी अरब जाएंगे. इनमें 50 फीसदी संख्या महिलाओं की है. 2019 में सबसे ज्यादा दो लाख भारतीय मुसलमान हज के लिए मक्का गए थे.

नया नियम लागू करने की तैयारी पूरी
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब सरकार ने पूरे देश में परिवहन के सभी साधनों और बंदरगाहों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. इसके अलावा सरकार ने इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए उत्पीड़न विरोधी कानून समेत एक मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार किया है.

चप्पे-चप्पे पर कैमरे से निगरानी
इब्राहिम हुसैन ने कहा कि बिना महरम के आने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए सऊदी अरब पूरी तरह से तैयार है. हवाई अड्डों, बंदरगाहों, शेख जायेद ग्रांड मस्जिद, पैगंबर मस्जिद जैसे महत्वपूर्ण स्थलों पर कैमरे से निगरानी की जाएगी. ताकि महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता की जा सके.

हज करने जाने वालों की संख्या काफी
हज का मुस्लिमों का सबसे बड़ा जमावड़ा माना जाता है. कोरोना महामारी से पहले हर साल 20 लाख से ज्यादा लोग हज करने के लिए सऊदी अरब जाते थे.