नौकरी बचाने शिक्षकों ने कराया सामूहिक मुंडन… रायपुर में महिलाओं ने भी कटवाए बाल..

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छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। नौंवे दिन शुक्रवार को माना तूता धरनास्थल पर सामूहिक मुंडन कराया गया। बीएड सहायक शिक्षक सरकार से समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार शिक्षा विभाग में उनकी सेवाएं बरकरार रखे लेकिन पेंच ये है कि डी एड होल्डर उम्मीदवारों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि बीएड होल्डर्स को नौकरी से बाहर किया जाए। और भी बड़ी बात ये है कि सरकार भी मजबूर है क्योंकि हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आधारित है, लेकिन सहायक शिक्षकों की मांग है कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में हजारों पद खाली हैं, जहां इन शिक्षकों को एडजस्ट किया जा सकता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी बरकरार रहेगा और शिक्षकों की नौकरी भी नहीं जाएगी। छत्तीसगढ़ के 3000 बीएड होल्डर सहायक शिक्षक 14 जनवरी 2025 के बाद शिक्षक नहीं रहेंगे। छत्तीसगढ़ में बीएड और डीएलएड शिक्षकों के नियुक्ति विवाद पर कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट का आदेश आया है। जिससे प्राइमरी स्कूलों में पदस्‍थ बीएड होल्डर सहायक शिक्षकों की नौकरी पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में सहायक शिक्षक सरकार से उनकी नौकरी बचाने की गुहार लगा रहे है। बीते दो हफ्ते से करीब 3000 शिक्षक रायपुर में धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार भी उन्हें अपनी मजबूरी बता चुकी है। मजबूरी है कि उन्हें नौकरी से हटाने का फैसला सरकार का नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट का है।मगर सहायक शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग में हजारों पद खाली हैं। ये शिक्षक बीते दिनों अंबिकापुर से पैदल चलकर 14 दिसंबर को रायपुर पहुंचे थे। और तब से अब तक वहीं धरना दे रहे हैं। बार-बार आवेदन-निवेदन और धरना प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी तो 27 दिसंबर को महिला और पुरुष शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन कराकर सरकार तक अपनी परेशानी पहुंचाने की कोशिश की और अब अपनी नौकरी बचाने के लिए सोशल मीडिया पर भी हैशटैग कैंपेन छेड़ने की तैयारी है। सहायक शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने तमाम सरकारी नियम कायदों और शर्तों का पालन कर बीएड की पढ़ाई की। पात्रता परीक्षा पास की और बच्चों को पढ़ाना शुरू किया लेकिन अचानक उनकी योग्यता को ही अमान्य ठहराया जा रहा है। ऐसे में वो क्या करें ये सरकार ही बताए। इधर, सरकार की मजबूरी ये है कि हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को डीएड होल्डर उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें दो हफ्ते के भीतर बीएड होल्डर उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द कर डीएड होल्डर्स को सहायक शिक्षक के पद पर जॉइनिंग देने का आदेश सुनाया गया था। ये डेडलाइन वर्किंग डेज के हिसाब से 14 जनवरी को खत्म हो जाएगी। यानी सरकार कोर्ट के आदेश की वजह से मजबूर है। अब शिक्षक ये कह रहे हैं कि सरकार उन्हें शिक्षा विभाग में खाली पड़े पदों पर एडजस्ट करे वरना उनका आंदोलन और भी तेज होगा