कोलकाता में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या किए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. SC ने इस केस को स्वत: संज्ञान लिया है. वहीं, डॉक्टर्स के विरोध-प्रदर्शन से पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं. डॉक्टर्स के संगठन देशभर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सीजेआई की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच मामले को सुन रही है. अन्य पक्षकारों की तरफ से भी कहा जा रहा है कि हम भी इस मामले में अपना पक्ष रखना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान का ऐलान करने से पहले तीन याचिकाकर्ताओं ने सीजेआई को चिट्ठी लिखी थी और बताया था कि ये मामला संवेदनशील है और डॉक्टर्स की सुरक्षा से जुड़ा है. उसके बाद कोर्ट ने तय किया कि वो खुद मामले को संज्ञान लेगा और मंगलवार को सुनवाई करेगा. कोर्ट के विवेक पर निर्भर रहेगा कि वो किस-किस को पक्ष रखने का मौका देगा. अभी इस मामले में कोई पक्षकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा उपायों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर सकता है और जानकारी ले सकता है. इस समय कोर्ट ये बता रहा है कि मामला बेहद संवदेनशील है और पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया जा रहा है. कोर्ट ने चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर की गई है. उसके शव को दिखाया है. सीजेआई ने कहा, हर जगह हमने देखा कि पीड़िता की पहचान दिखाई है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि प्रिंसिपल ने हत्या को शुरुआत में आत्महत्या क्यों बताया?