ब्रिटेन में कंगना रनोट की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तानियों के थिएटर में घुसने और विरोध प्रदर्शन करने पर भारत ने नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कल शुक्रवार को इस पर कहा कि बोलने की आजादी को रोका नहीं जा सकता। इसमें रुकावट डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। जायसवाल ने कहा- हमने कई रिपोर्ट्स देखी हैं कि किस तरह से फिल्म को बाधित किया जा रहा है। हम लगातार भारत विरोधी तत्वों के हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में ब्रिटिश सरकार से चिंता जताते हैं। हमें उम्मीद है कि ब्रिटिश सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेगी। पिछले रविवार को ब्रिटेन के कुछ थिएटर में फिल्म ‘इमरजेंसी’ की स्क्रीनिंग के दौरान नकाब पहने कुछ खालिस्तानी सिनेमा हॉल में आ गए थे और फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी थी। ऐसा कई जगहों पर हुआ जिसके बाद इस फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी गई। यह मुद्दा गुरुवार को ब्रिटिश संसद में भी उठा। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इसे ब्रिटेन के लोगों के अधिकारों का हनन बताया और खालिस्तानियों को गुंडा और आतंकवादी कहा।
India’s Ministry of External Affairs states that reports of the film #Emergency being obstructed in several halls in UK have raised concerns about violent protests and intimidation by anti-India elements. It emphasized that freedom of speech must not be selective and urged the UK… pic.twitter.com/lXI9nzHS2g
— DD India (@DDIndialive) January 24, 2025