रेलवे स्टेशनों पर आटा और चावल बेचने की तैयारी, तीन महीने के लिए पायलट प्रोजेक्ट

राष्ट्रीय

रेल यात्रियों को शहर से घर लौटते समय और स्टेशनों के आसपास रहने वाले लोगों को आटा और चावल को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ेगी। अब रेलवे स्टेशनों पर ही उचित मूल्य पर भारत आटा और भारत चावल मिल जाएगा। आम उपभोक्ताओं और यात्रियों को सहूलियत देने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने मिनिस्ट्री आफ कंज्यूमर अफेयर फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय) के सहयोग से सबअर्बन (उपनगरीय क्षेत्र) और नान सबअर्बन ग्रुप वन (एनएसजी वन) को छोड़कर सभी स्टेशनों पर भारत आटा और भारत चावल की बिक्री करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन माह के लिए होगी। रेल मंत्रालय की योजना सफल रही तो आने वाले दिनों में इस व्यवस्था को नियमित कर दिया जाएगा। 15 मार्च 2024 को भारतीय रेलवे के समस्त क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को लिखे पत्र के माध्यम से बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) नीरज शर्मा ने भारत आटा और भारत चावल की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर क्षेत्रीय रेलवे के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों (पीसीसीएम) को इस व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। बिक्री के लिए एजेंसी नामित की जाएगी। तीन माह के अंदर एजेंसी में बदलाव नहीं किया जा सकेगा। एक स्टेशन पर भारत आटा और भारत चावल की बिक्री के लिए एक मोबाइल वैन को ही अनुमति प्रदान की जाएगी।

स्टेशन परिसर में शाम को सिर्फ दो घंटे के लिए मोबाइल वैन के माध्यम से सिर्फ भारत आटा और भारत चावल की बिक्री होगी। इसके बाद मोबाइल वैन स्टेशन परिसर से बाहर हो जाएगी। विक्रेता मोबाइल वैन पर सिर्फ बैनर लगा सकेंगे। कोई घोषणा (एनाउंसमेंट) नहीं कर सकते।