शरद भाषण के बाद थके, PM मोदी ने पानी पिलाया, बैठने में मदद की, कहा- मैंने RSS की वजह से मराठी सीखी

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प्रधानमंत्री मोदी ने कल शुक्रवार को दिल्ली में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। PM ने अपने संबोधन में कहा कि मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। इस भाषा को बोलने और नए शब्द सीखने की लगातार कोशिश करता हूं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की वजह से ही मुझे मराठी भाषा और मराठी परंपरा से जुड़ने का सौभाग्य मिला। अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन किसी भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है। मराठी साहित्य सम्मेलन स्वतंत्रता के संघर्ष का सार दर्शाता है। इसमें महाराष्ट्र और देश की सांस्कृतिक विरासत है। देश की आर्थिक राजधानी से देश की राजधानी में आए सभी लोगों को मेरा अभिवादन। कहा – कुछ महीने पहले मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला। दुनिया में 12 करोड़ से ज्यादा लोग मराठी बोलते हैं। मुझे मराठी को शास्त्रीय दर्जा देने का अवसर मिला, मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं। आज अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। शरद पवार के निमंत्रण पर मुझे इस गौरवशाली परंपरा में शामिल होने का अवसर मिला। मुझे संत ज्ञानेश्वर के शब्द याद आते हैं। उन्होंने कहा था, मराठी अमृत से भी मीठी है। यह सम्मेलन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने पर आयोजित हो रहा है। मुझे एक मराठी भाषी व्यक्ति याद है, जिसने करीब 100 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। RSS अपनी शताब्दी मना रहा है। साथ ही विवेकानंद की तरह युवाओं को भारत की संस्कृति का उपदेश देने के लिए सांस्कृतिक यज्ञ भी कर रहा है। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि लाखों अन्य लोगों की तरह RSS ने मुझे भी राष्ट्र के लिए जीने के लिए प्रेरित किया है।

कार्यक्रम में पीएम मोदी का भावनात्मक रूप भी देखने को मिला। सम्मेलन में शरद पवार लंबे भाषण के बाद थक गए। जब वे बैठने आए तो पीएम मोदी ने उन्हें कुर्सी पर बिठाया और वाटर बॉटल से शरद पवार के ग्लास में पानी भर दिया। लोग सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस अंदाज की तारीफ कर रहे हैं।